नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 13 फीसदी से ज्यादा का उछाल, सरकार के खजाने में आए 21.26 लाख करोड़

भारत का Net Direct Tax Collection 15 मार्च, 2025 तक21.26 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 13.13% की मजबूत वृद्धि दर्शाता है. नेट डायरेक्ट टैक्स में कॉर्पोरेट टैक्स सबसे अहम भागीदार होता है.

टैक्स कलेक्शन बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होने का संकेत मिलता है. Image Credit: Getty image

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आयकर विभाग ने सोमवार 17 मार्च को डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लेटेस्ट डाटा रिलीज किया है. हर महीने जारी किए जाने वाले इस डाटा में कॉर्पोरेट, नॉन-कॉर्पोरेट और सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन से मिलने वाले टैक्स की जानकारी दी जाती है. 17 मार्च को जारी डाटा से पता चलता है कि मजबूत Advance Tax Payments के चलते सरकार 22.37 लाख करोड़ के संशोधित लक्ष्य को 30 मार्च तक हासिल कर लेगी.

आयकर विभाग की तरफ से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक रिफंड से पहले का कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 25.86 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.22% अधिक है. टैक्स रेवेन्यू में यह उल्लेखनीय वृद्धि भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और बेहतर कर अनुपालन (tax compliance) को दर्शाती है.

Advance Tax Collection में जोरदार बढ़ोतरी

Advance tax payments में 14.62% की जोरदार सालाना वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे कुल 10.44 लाख करोड़ का टैक्स कलेक्शन हुआ है. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल 2024 से 15 मार्च 2024 तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 21.26 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि से 13.13% ज्यादा है. इसमें कुल अग्रिम कर संग्रह 10.44 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.62% ज्यादा है. इसके अलावा मार्च तिमाही (March Quarter) में ही 2.94 लाख करोड़ का Advance Tax Collection हुआ.

कहां से आया कितना टैक्स

Corporate advance tax के तौर पर 7.57 लाख करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आए हैं. इसके अलावा Individuals, firms और LLPs advance tax के तौर पर 2.87 लाख करोड़ रुपये आए हैं. इस तरह Corporate tax collection 9.69 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. जबकि, Personal income tax collection 11.01 लाख करोड़ पहुंच गया है. इससे पता चलता है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है.

रिकॉर्ड स्तर पर टैक्स रिफंड जारी

बढ़ते टैक्स कलेक्शन के साथ, सरकार ने 4.60 लाख करोड़ के रिकॉर्ड टैक्स रिफंड जारी किए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 38.13% अधिक हैं. पिछले वर्ष की समान अवधि में 3.3 लाख करोड़ का रिफंड जारी किया गया था. बढ़ते रिफंड का मतलब यह भी है कि टैक्स प्रोसेसिंग में तेजी आई है और सरकार करदाताओं को राहत देने के लिए अधिक कुशल प्रणाली अपना रही है.

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