ISRO ने लॉन्च किया यूरोपीय स्पेस एजेंसी का PROBA-3, आदित्य एल-1 की तरह करेगा सूर्य का अध्ययन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने PSLV-C59 रॉकेट की मदद से यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के सोलर मिशन PROBA-3 को लॉन्च कर उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया. प्रोबा-3 भारत के सोलर मिशन आदित्य एल-1 की तरह सूर्य का अध्ययन करेगा.

लॉन्च से पहले तैयार Proba3 Image Credit: @isro/x

ISRO ने गुरुवार को यूरोपीय स्पेस एजेंसी के सोलर मिशन PROBA-3 को लॉन्च किया. कर उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया. प्रोबा-3 भारत के सोलर मिशन आदित्य एल-1 की तरह सूर्य का अध्ययन करेगा. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसरो ने अपने PSLV-C59 रॉकेट से PROBA-3 लॉन्च किया.

ISRO ने सोशल मीडिया पर इस मिशन की कमायाबी की जानकारी देते हुए कहा, PSLV-C59 के जरिये PROBA-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. यह NSIL, ISRO और ESA की टीमों के बीच समर्पण को दर्शाता है. यह उपलब्धि वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष के क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देने में भारत की अहम भूमिका को उजागर करती है. इसी तरह आगे भी हम साथ मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना जारी रखेंगे .

ESA ने कहा शुक्रिया

यूरोपीय स्पेस एजेंसी के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने इसरो का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, Proba3 को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए धन्यवाद! ESA के इन-ऑर्बिट अभियानों के परिवार के नवीनतम सदस्य, Proba-3 में के सुरक्षित रूप से कक्षा में पहुंचने के बाद ऑस्ट्रेलिया में यथाराग्गा स्टेशन ने अंतरिक्ष यान का संकेत प्राप्त करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा बेल्जियम में ESA के मिशन कंट्रोल सेंटर पर टेलीमेट्री डाटा मिल रहा है.

विज्ञान मंत्री ने दी बधाई

विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र कुमार ने भी इसरो को इसकी उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, PSLV-C59/PROBA-3 मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए टीम ISRO को बधाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और संरक्षण के साथ टीम इसरो एक के बाद एक सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही है. PROBA-3 दुनिया का पहला सटीक फॉर्मेशन फ्लाइंग मिशन है. यह मिशन इस मायने में अनोखा कि इसके जरिये सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी और सबसे गर्म परत, सोलर कोरोना का अध्ययन किया जाएगा.

क्या करेगा PROBA-3

इस मिशन के जरिए सूर्य के कोरोना का अध्ययन किया जाएगा. सैटेलाइट से मिले डाटा से यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर सूर्य का बाहरी हिस्सा कोरोना इसकी सतह से ज्यादा गर्म क्यों है. इसके लिए PROBA-3 में कोरोनाग्राफ लगाया गया है. इसके अलावा इसमें एक ऑकल्टर डिस्क लगा है, जो कोरोना ग्राफ के लेंस पर कोरोना की इमेज बनाने में मदद करेगा.

लॉन्चिंग के कितने पैसे मिले

भारत की कमर्शियल स्पेस एजेंसी न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) की तरफ से किए गए सौदे के तहत यह एक कमर्शियल लॉन्च था. फिलहाल यह जानकारी सामने नहीं आई है कि इस मिशन के लिए इसरो को कितनी रकम मिली है. लेकिन, इसरो अब कमर्शियल लॉन्च के जरिये रेवेन्यू जेनरेट करने लगा है. इसका मकसद इसरो को अपने अभियानों के लिए आत्मनिर्भर बनाना है.