10 लाख नौकरियां देने को जेएनपीए-वधावन पोर्ट आए साथ, केंद्रीय मंत्री सोनोवाल की मौजूदगी में हुआ समझौता

यह बंदरगाह देश का पहला 100 फीसदी लैंडलॉर्ड बंदरगाह बन गया है. एक लैंडलॉर्ड बंदरगाह होने का मतलब होता है कि जो जमीन का मालिक है, वही उस बंदरगाह का नियामक निकाय होता है.

जेएनपीए बंदरगाह जल्द ही एक करोड़ से ज्यादा कंटेनर रखरखाव की क्षमता हासिल कर लेगा. Image Credit: JNPA

देश के पहले लैंडलॉर्ड बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह का संचालन करने वाली जेएनपीए ने महाराष्ट्र के पालघर में बनने जा रहे वधावन पोर्ट के साथ समझौता किया है. इस समझौते से वधावन पोर्ट के निर्माण और संचालन में तेजी आएगी, जिससे करीब 10 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी. जेएनपीए के बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं की समीक्षा के बाद सोनोवाल ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर में बनने जा रहे वधावन बंदरगाह से क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का सृजन होगा। उन्होंने बताया कि हर मौसम में काम करने में सक्षम इस बंदरगाह को ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट मेगा पोर्ट के तौर पर बनाया जा रहा है. इसके लिए 76,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीए) ने देश की पहली पोर्ट अथॉरिटी है, जो अपने बंदरगाह की खुद ही मालिक है. इस तरह के बंदरगाह को लैंडलॉर्ड बंदरगाह कहा जाता है. केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 22 अगस्त, गुरुवार को कहा कि यह बंदरगाह देश का पहला 100 फीसदी लैंडलॉर्ड बंदरगाह है. बंदरगाह की जमीन का मालिक होने के साथ ही वह नियामक निकाय भी है.
इसके साथ ही सोनोवाल ने यह भी बताया कि जल्द ही इस बंदरगाह पर कंटेनर रखरखाव की क्षमता को बढ़ाकर 1 करोड़ टीईयू से ज्यादा कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य इस बंदरगाह पर बड़े से बड़े जहाजों की आवाजाही को आसान बनाना है. उन्होंने कहा कि मंत्री ने कहा कि बंदरगाह पर गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है, जो इसे एक पर्यावरण-अनुकूल बंदरगाह बनने में मदद करेगा. टीईयू का मतलब ट्वेंटी फुट इक्विवेलेंट यूनिट होता है, जो कि कंटेनर के आकार को बताता है. मोटे तौर पर कहा जाए, तो 20 फीट लंबे 1 करोड़ से ज्यादा कंटेनर के रखरखाव की क्षमता हासिल कर ली जाएगी.
जेएनपीए के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल 74 लाख टीईयू की क्षमता है, जो अगले वर्ष अप्रैल तक बढ़कर 1.4 करोड़ टीईयू हो जाएगी। इसके साथ ही बताया कि जेएनपीए वधावन बंदरगाह और आरईसी के साथ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के समर्थन के लिए कर्ज संबंधी समझौते किए हैं. इसके अलावा एक समझौता गेटवे टर्मिनल्स इंडिया (जीटीआई) के साथ जहाजों के लिए तटीय बिजली आपूर्ति के लिए किया गया है। इन समझौतों पर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री सोनोवाल की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए.

सागरमाला की 230 परियोजनाएं पूरी

इस दौरान सोनोवाल ने बताया कि कहा कि सरकार ने सागरमाला परियोजना के तहत अब तक 230 परियोजनाएं पूरी कर ली हैं, जबकि 220 अन्य परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।