आंगनबाड़ी में कैसे मिलती है महिलाओं को नौकरी, जानें- कितनी पढ़ाई है जरूरी

आंगनवाड़ी एक सरकारी योजना है जो बच्चों, गर्भवती महिलाओं और माताओं की पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा की जरूरतों को पूरा करती है. इसके तहत, कार्यकर्ता और सहायिका केंद्रों का संचालन करती हैं. इनकी चयन प्रक्रिया मेरिट के आधार पर होती है, जिसमें शैक्षिक योग्यता, जाति और विकलांगता के आधार पर अंक मिलते है.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का चयन मेरिट के आधार पर होता है. Image Credit:

आंगनवाड़ी एक सरकारी कार्यक्रम है जो पांचयत स्तर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और शिशु देखभाल करने वाली माताओं की पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करता है. यह एकीकृत बाल विकास सेवाओं (ICDS) के तहत कार्य करता है, जो बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा देता है. अगर आप भी आंगनवाड़ी केंद्र से जुड़ना चाहती हैं, तो जानिए क्या है इसके चयन प्रक्रिया से जुड़े नियम.

जनसंख्या के आधार पर तय होते हैं केंद्र

आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण 400-800 लोगों की जनसंख्या वाले क्षेत्रों में किया जाता है. ग्राम पंचायत क्षेत्र में जनसंख्या के आधार पर एक या अधिक आंगनवाड़ी केंद्र हो सकते हैं. इन केंद्रों का संचालन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका करती हैं. ये दोनों मिलकर स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर ICDS योजनाओं का पालन करती हैं.

कौन सी सेवाएं देती है आंगनवाड़ी

आंगनवाड़ी केंद्र में कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिसमें

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए पात्रता

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए उम्मीदवार के पास ये योग्यताएं होनी चाहिए.

चयन प्रक्रिया

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का चयन मेरिट के आधार पर होता है. शैक्षिक योग्यता, जाति, दिव्यांग और अन्य फैक्टर के आधार पर आवेदकों को अंक दिए जाते हैं. आवेदकों को अपने स्थानीय क्षेत्र में आवेदन करना होता है. इस चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता तलाकशुदा और विधवा महिलाओं को दी जाती है. आपको बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए किसी भी तरह शुल्क नहीं लगता है.

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी होते हैं