रोजगार बढ़ाने के लिए ELI स्कीम का खाका तैयार, जल्द होगी शुरुआत
श्रम मंत्रालय ने रोजगार बढ़ाने की नई योजनाओं पर जोर देते हुए EPFO और ESIC को तैयारी तेज करने का निर्देश दिया है. रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पर फोकस रहेगा.
श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को भविष्य निधि संगठन (EPFO) को रोजगार से जुड़ी नई योजना एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम की शुरुआत के लिए आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में तीन रोजगार से जुड़ी योजनाओं की घोषणा की थी. वित्त मंत्री ने बताया था कि योजनाएं ईपीएफओ में नामांकन के आधार पर रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की जाएंगी. प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत इन योजनाओं का लक्ष्य 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसर मुहैया कराना है, जिसमें 2 लाख करोड़ रुपये का केंद्रीय प्रावधान किया गया है.ईएलआई स्कीम का उद्देश्य 2 सालों में देश में 2 करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा करना है.
बैठक में विभिन्न मुद्दों की समीक्षा
मंगलवार को श्रम सचिव सुमिता डावरा की अध्यक्षता में श्रम मंत्रालय से जुड़े कार्यालयों और संस्थानों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इसमें ईपीएफओ को ELI स्कीम की लॉन्चिंग के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए. 30 नवंबर को होने वाली केंद्रीय बोर्ड की बैठक (CBT) के लिए ईपीएफओ को सभी आवश्यक जानकारी और रिपोर्ट तैयार करने को भी कहा गया.
श्रम मंत्रालय ने लंबित औद्योगिक विवादों और दावा मामलों के जल्द समाधान, श्रम सुविधा पोर्टल पर निरीक्षण रिपोर्ट्स को समय पर अपलोड करने और न्यायालयों के लिए ई-कोर्ट सिस्टम लाने पर भी जोर दिया.
स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर फोकस
ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) को नई मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, निर्माण कार्यों, मानव संसाधन और अस्पताल सेवाओं में सुधार पर काम करने के निर्देश दिए गए. ईएसआईसी और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) को जोड़ने पर भी चर्चा की गई.
राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल को अपग्रेड करने और विकलांग व्यक्तियों के लिए एनसीएस केंद्रों को सामाजिक न्याय मंत्रालय के साथ जोड़ने की योजना पर जोर दिया गया. श्रम मंत्रालय ने कहा कि श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना राष्ट्र निर्माण और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.