महाकुंभ का हुआ समापन, 45 दिन में 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया स्नान, 3 लाख करोड़ राजस्व की उम्मीद

महाशिवरात्रि के साथ महाकुंभ का समापन हो गया है. श्रद्धा और विश्वास का यह अद्वितीय आयोजन आंकड़ों के लिहाज से भी ऐतिहासिक रहा है. महाकुंभ के 45 दिन की अवधि में देश-दुनिया के कोने-कोने से 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने प्रयागराज की यात्रा की और कुंभ में स्नान किया.

महाकुंभ 2025 Image Credit: tv9 bharatvarsh

जनवरी में मकर संक्रांति से शुरू हुआ महाकुंभ का आयोजन 45 दिन बाद महाशिवरात्रि पर्व के साथ समाप्त हो चुका है. इस अवधि में दुनिया के 100 से ज्यादा देशों से 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे. इस तरह औसतन प्रतिदिन 1.44 करोड़ लोगों ने कुंभ स्नान किया. इस तरह श्रद्धा और भक्ति का यह अद्वितीय आयोजन आंकड़ों के लिहाज से भी ऐतिहासिक रहा है.

महाकुंभ 2025 की शुरुआत के समय उद्योग संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भी अनुमान लगाया था कि यह भव्य आध्यात्मिक समागम में 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के अवसर देगा. महाकुंभ को FMCG, टेक स्टार्ट-अप और फिनटेक सेक्टर के प्रमुख खिलाड़ियों ने बिजनेस को अपॉर्च्युनिटी के तौर पर कैश करने कोई कसर नहीं छोड़ी है.

5 हजार करोड़ हुए खर्च, 3 लाख करोड़ मिले

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक महाकुंभ 2025 से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ का बूस्ट मिलने की उम्मीद है. यह राजस्व असल में कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की गतिविधियों से जुड़ा है. यूपी सरकार ने कुंभ आयोजन पर करीब 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जबकि, 3 लाख करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है. इस तरह देखा जाए, तो यूपी को 45 दिन में 5 हजार करोड़ के निवेश पर 2.95 लाख करोड़ रुपये का नेट राजस्व मिल सकता है.

महाकुंभ आयोजन पर खर्च और आमदनी

कुंभ पर इस वर्ष हुए खर्च की तुलना में पिछले आयोजनों से की जाए तो पता चलता है कुंभ आयोजन से सरकार को मिलने वाले राजस्व में भारी बढ़ोतरी हुई है. 2013 में सरकार ने 1,017 करोड़ रुपये के व्यय के मुकाबले 12,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था. 2019 तक यह राजस्व बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि व्यय बढ़कर 2,112 करोड़ रुपये हो गया था. वहीं, इस बार सरकार ने कुंभ आयोजन के लिए कुल 7,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जिसमें से करीब 5 हजार करोड़ खर्च हुए, जबकि 3 लाख करोड़ राजस्व मिलने की उम्मीद है.