महादेव ऐप मामले में ईडी का बड़ा एक्शन, अटैच की 388 करोड़ की नई संपत्ति
ईडी ने कहा कि इस मामले में एजेंसी टिबरेवाल की जांच कर रही है. खास बात यह है कि ईडी ने अब तक 2,295.61 करोड़ रुपये की संपत्ति या तो फ्रीज, कुर्क या जब्त कर चुकी है. वहीं, इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और ईडी ने चार आरोपपत्र दायर किए हैं.
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने शनिवार को कहा कि उसने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी केस में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में लगभग 388 करोड़ रुपये की नई संपत्तियां कुर्क की है. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि 387.99 करोड़ रुपये की कुल कीमत वाली इन संपत्तियों को कुर्क करने के लिए 5 दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक प्रोविजनल आदेश जारी किया गया था. खास बात यह है कि इस ऑनलाइन सट्टेबाजी केस में छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने का आरोप है.
ईडी ने कहा कि इस मामले में एजेंसी टिबरेवाल की जांच कर रही है. खास बात यह है कि ईडी ने अब तक 2,295.61 करोड़ रुपये की संपत्ति या तो फ्रीज, कुर्क या जब्त कर चुकी है. वहीं, इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और ईडी ने चार आरोपपत्र दायर किए हैं. एजेंसी ने पहले भी आरोप लगाया है कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग (एमओबी) गेमिंग और बेटिंग ऐप की जांच से छत्तीसगढ़ के कई बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है. ऐसे ऐप के दो मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल राज्य से हैं.
क्या है पूरा मामला
ईडी के अनुसार, महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक अम्ब्रेला सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने का काम करता है. इसके अलावा यह उपयोगकर्ता आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक स्तरित वेब के माध्यम से धन शोधन करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था भी करता है. ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफ़ॉर्म महादेव बुक से जुड़े घोटाले के कथित सरगना सौरभ चंद्राकर को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में यूएई में गिरफ्तार किया गया है. चंद्राकर कथित तौर पर महादेव ऐप के माध्यम से भारत में आयोजित प्रमुख क्रिकेट मैचों और टूर्नामेंटों में मनी लॉन्ड्रिंग और मैच फिक्सिंग में शामिल था. ईडी जल्द ही यूएई से उसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध कर सकता है.
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प्रमोटरों के सहयोगियों का भी नाम
वही, केंद्रीय एजेंसी ने बयान में ये भी कहा है कि इसमें चल संपत्तियां भी शामिल हैं. इन संपत्तियो में मॉरीशस स्थित कंपनी तानो इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज फंड द्वारा दुबई स्थित ‘हवाला ऑपरेटर’ हरि शंकर टिबरेवाल से एफपीआई और एफडीआई के माध्यम से किया गया निवेश भी शामिल है. इसके अलावा छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्य प्रदेश में कई सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों के प्रमोटरों, पैनल ऑपरेटरों और प्रमोटरों के सहयोगियों के नाम पर संपत्तियां मौजूद हैं.
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