महाकुंभ में आसमान छूती कीमतें, हवाई किराया, होटल और परिवहन पर 300 फीसदी तक बढ़ा खर्च
अगर आप महाकुंभ 2024 जाने का प्लान बना रहे हैं या वहां से लौट चुके हैं, तो आपको खर्चों का अंदाजा होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि हवाई टिकट, होटल और परिवहन सेवाओं के दामों में कितनी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है?
महाकुंभ 2024 अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है लेकिन श्रद्धालुओं को इस बार आस्था के साथ-साथ जेब पर भी भारी बोझ सहना पड़ा. देशभर से प्रयागराज आने वाले लाखों श्रद्धालु बढ़े हुए हवाई किराए, महंगे होटल और परिवहन सेवाओं की ऊंची दरों से परेशान रहे. एक सर्वे के मुताबिक 87 फीसदी श्रद्धालुओं ने महाकुंभ जाने के लिए हवाई टिकट पर सामान्य से 50-300 फीसदी अधिक भुगतान किया. यही नहीं, होटल और स्थानीय परिवहन सेवाओं की दरों में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला.
हवाई टिकट पर 300% तक की बढ़ोतरी
देश भर में किए गए Local Circle के सर्वे में पाया गया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने वाले यात्रियों को हवाई टिकट के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ी. 16,215 लोगों से इस सर्वे के लिए सवाल पूछे गए. इनमें से केवल 13 फीसदी ने कहा कि उन्होंने सामान्य किराए पर टिकट बुक किया जबकि शेष 87 फीसदी यात्रियों को 50-300 फीसदी तक अधिक भुगतान करना पड़ा.
- 38% यात्रियों ने बताया कि उन्होंने सामान्य किराए से 50-100% अधिक भुगतान किया.
- 12% ने 100-200% अधिक भुगतान किया.
- 12% ने 200-300% अधिक भुगतान किया.
- 25% यात्रियों ने 300% से भी अधिक किराया अदा किया.
होटल और टेंट में ठहरने का खर्च भी बढ़ा
सिर्फ हवाई किराया ही नहीं, बल्कि महाकुंभ के दौरान होटलों, टेंट और लॉज के दाम भी आसमान छूते नजर आए. 16,549 लोगों में से 26 फीसदी ने कहा कि उन्होंने सामान्य दरों पर ठहरने की व्यवस्था की, लेकिन 67 फीसदी लोगों को 50-300 फीसदी अधिक भुगतान करना पड़ा.
- 14% श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्होंने 50% तक अधिक किराया दिया.
- 14% ने 50-100% अधिक भुगतान किया.
- 7% ने 100-200% अधिक खर्च किया.
- 14% ने 200-300% अधिक भुगतान किया.
- 18% ने 300% से भी अधिक चुकाया.
नाव यात्रा भी रही महंगी
महाकुंभ में पहुंचने के बाद स्थानीय परिवहन सेवाओं और नाव यात्रा के लिए भी श्रद्धालुओं को जेब ढीली करनी पड़ी. 16,512 उत्तरदाताओं में से 66% ने कहा कि उन्हें सामान्य दर से 50-300% तक अधिक भुगतान करना पड़ा.
6% लोगों ने 50% तक अधिक किराया चुकाया.
6% ने 50-100% अधिक भुगतान किया.
16% ने 100-200% अधिक खर्च किया.
22% ने 200-300% अधिक भुगतान किया.
12% ने 300% से भी अधिक चुकाया.