विदेश में भी है UPI का जलवा बरकरार, दूसरे देश भारत से मांग रहे मदद

एनपीसीआई की सहायक कंपनी एनआईपीएल ने त्रिनिदाद और टोबैगो नामक दो कैरेबियाई देशों के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्रालय के साझेदारी कर ली है. पार्टनरशिप की मदद से एनपीसीआई इन दोनों देशों में रियल टाइम पेमेंट का रास्ता आसान बनाएगी.

भारत के बाहर भी यूपीआई Image Credit: Indranil Aditya/NurPhoto via Getty Images

भारत में धड़ल्ले से इस्तेमाल की जाने वाली डिजिटल पेमेंट सर्विस यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का बोलबाला भारत के बाहर भी जारी है.नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सहायक कंपनी एनआईपीएल की जिम्मेदारी है कि वह रूप और यूपीआई की पहुंच दूसरे देशों तक करे. उसी के तहत एनआईपीएल ने त्रिनिदाद और टोबैगो नामक दो कैरेबियाई देशों के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्रालय के साझेदारी कर ली है. पार्टनरशिप की मदद से एनपीसीआई इन दोनों देशों में रियल टाइम पेमेंट का रास्ता आसान कर देगी. यानी भारत की तरह ही इन देशों में भी लोग यूपीआई का इस्तेमाल आसानी से कर सकेंगे.

‘साझेदारी बनी मिल का पत्थर’

इस खबर को लेकर जारी एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस साझेदारी की मदद से दोनों देशों के बीच लंबे समय तक द्विपक्षीय संबंध बने रहेंगे. एनपीसीआई ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक बयान में कहा, “यह साझेदारी हमारे लिए मिल के पत्थर के समान है. दोनों कैरेबियाई देश, त्रिनिदाद और टोबैगो विश्व के पहले देश होंगे जिन्होंने फेमस यूपीआई सर्विस को अडॉप्ट किया है.”

रिपोर्ट की मानें यूपीआई की सुविधा से दोनों देशों में डिजिटल पेमेंट का रास्ता खुल जाएगा. जिससे वहां के लोग आसानी से किसी भी बिजनेस के साथ डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे. यूपीआई की मदद से दोनों देशों में डिजिटल लेनदेन में वृद्धि आएगी जो वित्तीय विविधता को प्रमोट करेगा.

बाकी देशों के साथ भी बातचीत में है एनआईपीएल

एनआईपीएल अपना काम सक्रिय रूप में कर रहा है. यूपीआई सर्विस को लेकर अफ्रीका और साउथ अमेरिका के 20 देशों के साथ बातचीत चल रही है. इन देशों में भी यूपीआई की तरह काम करने वाली डिजिटल सर्विस वाले प्लेटफॉर्म बनाने की प्रक्रिया पर बात चल रही है. वहीं पेरू और नामीबिया के साथ डील भी साइन हो चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों में 2027 तक यूपीआई सर्विस की शुरुआत हो जाएगी. बता दें कि वर्तमान में यूपीआई की सर्विस फ्रांस, भुटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, यूएई जैसे कई देशों में शुरू हो चुकी है.