जानें चांद-तारों से खेती किसानी तक आज हुए कैबिनेट के फैसलों में क्या है आपके मतलब की बात
एक देश एक चुनाव को मंजूरी बुधवार को हुए कैबिनेट फैसलों में सबसे ज्यादा चर्चित है. इसके अलावा चंद्रयान-4 अभियान को मंजूरी की भी खूब चर्चा हो रही है. इन दो बड़े फैसलों के साथ कैबिनेट ने कुल 7 फैसले किए. इनमें किसानों के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों पर सब्सिडी और एवीजीसी-एक्सआर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना दो ऐसे अहम फैसले हैं, जो आम लोगों पर सीधा असर डालेंगे.
कैबिनेट ने बुधवार को 7 अहम फैसले किए. इनमें एक देश एक चुनाव और चंद्रयान-4 अभियान को मंजूरी की सबसे ज्यादा चर्चित हैं. इसके अलावा पीएम-आशा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई है. मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में एवीजीसी-एक्सआर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी गई है. फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों पर सब्सिडी को लेकर भी अहम फैसला किया गया है. मोटे तौर पर 7 में 4 फैसले देश कें अंतरिक्ष क्षेत्र पर केंद्रित हैं. एक देश एक चुनाव पर कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी है. समिति की सिफारिशों के मुताबिक पूरे देश के एक साथ चुनाव कराने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करेगी. इस फैसले पर विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
चंद्रयान-4 को मंजूरी
चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना. इस उपलब्धि से उत्साहित सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दी है. इसके तहत अब चंद्रमा से पृथ्वी पर वापस आने की तकनीकी क्षमता हासिल की जाएगी. इसका मकसद चांद से नमूने लाना है. चंद्रयान-4 को 2040 तक भेजे जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान की अनुमानित लागत 2104.06 करोड़ रुपये है.
वीनस ऑर्बिटर मिशन
कैबिनेट ने वैज्ञानिक शुक्र के वायुमंडल और भूविज्ञान को समझने के लिए वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) को मंजूरी दी है. शुक्र, पृथ्वी का सबसे निकटतम ग्रह है, लेकिन इसके बारे में हमें बहुत कम जानकारी है. वीनस ऑर्बिटर शुक्र ग्रह की कक्षा में जाकर इसके वातावरण का डाटा जुटाएगा. इसके साथ ही यह भी पता लगाए कि किया शुक्र पर कभी कोई जीवन रहा था. इस अभियान को मार्च 2028 तक पूरा किया जाएगा. अभियान की अनुमानित लागत 1,236 करोड़ रुपये है.
रीयूजेबल रॉकेट एनजीएलवी
कैबिनेट ने अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (एनजीएलवी) को मंजूरी दी है. 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय चालक दल के उतरने की क्षमता हासिल करने में इसका अहम योगदान होगा. एनजीएलवी रॉकेट मौजूदा एलवीएम-3 की तुलना में 1.5 लागत में बनेगा. हालांकि, यह 3 गुना ज्यादा पेलोड ले जाने में सक्षम होगा. इसके अलावा यह रीयूजेबल भी होगा, जिससे समग्र रूप से मिशन कॉस्ट कम हो जाएगी. इसके लिए 8,240 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
भारतीय अंतरिक्ष केंद्र को मंजूरी
वैज्ञानिक अनुसंधान के कैबिनेट ने भारतीय अंतरिक्ष केंद्र (बीएएस) को मंजूरी दी है. इसके तहत 2028 में भारत अपने अंतरिक्ष केंद्र का पहला मॉड्यूल अंतरिक्ष में भेजेगा. 2040 तक अलग-अलग चरणों और मॉड्यूल के लिए इसकी कुल अनुमानित लागत 2,0193 करोड़ रुपये होगी. गगनयान भी इसका ही हिस्सा है.
एवीजीसी–एक्सआर उत्कृष्टता केंद्र
कैबिनेट ने मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अहम फैसला किया है. एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स एंड एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) की स्थापना को मंजूरी दी गई है. इसके लिए फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और भारतीय उद्योग परिसंघ को भागीदार बनाया गया है. यह केंद्र मुंबई में बनेगा. यह केंद्र मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में रोजगार बढ़ाएगा.
पीएम–आशा योजना जारी रखने को मंजूरी
कैबिनेट ने किसानों को लाभ पहुंचाने और उपभोक्ताओं वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना जारी रखने की मंजूरी दी है. इस पर 2025-26 तक 35,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके तहत दो उप योजनाएं, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) को मिलाया गया है. योजना के तहत एमएसपी पर दलहन, तिलहन और खोपरा की 25 फीसदी खरीद एमएसपी पर की जाएगी. हालांकि, यह सीमा तुअर, उड़द और मसूर पर लागू नहीं होगी. इन तीनों की 100 फीसदी खरीद एमएसपी पर जारी रहेगी. मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजना के विस्तार से दालों और प्याज की सस्ती आपूर्ति जारी रहेगी.
फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी
कैबिनेट ने रबी फसल सत्र, 2024 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के सब्सिडी तय करने के लिए रसायन व उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके लिए 24,475 करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूर किया गया है. इस पहल से किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक मिलना जारी रहेगा. उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी को देखते सब्सिडी को तर्कसंगत बढ़ाया जाएगा.