इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को कहां मिलेगी जॉब? 15 लाख में से डेढ़ लाख को नौकरी मिलने का अनुमान

टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप की रिपोर्ट के मुताबिक देश में इस साल 15 लाख इंजीनियरिंग ग्रेजुएट में से केवल 10 फीसदी को नौकरी मिलने की संभावना है. इंजीनियरों को नौकरी न मिलने के पीछे स्किल गैप होने को कारण बताया गया है.

10 फीसदी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट को नहीं मिलेगी नौकरी Image Credit: Deepak Sethi/E+/Getty Images

भारत में युवाओं का देश है. युवा देश का भविष्य हैं. ऐसी बातें आपने सुनी होंगी जो कि काफी हद तक सही भी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले युवाओं में बेरोजगारी की आशंका 90 फीसदी जताई जा रही है. हाल ही में जारी टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप की रिपोर्ट के मुताबिक देश में इस साल 15 लाख इंजीनियरिंग ग्रेजुएट में से केवल 10 फीसदी को नौकरी मिलने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 फीसदी नौकरी के लिए योग्य इंजीनियरों में से केवल 45 फीसदी ही इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड को मैच कर पा रहे हैं. इसका आसान भाषा में मतलब है कि डिग्री धारकों में से केवल 45 फीसदी ही ऐसी स्किल रखते हैं, जिससे उन्हें नौकरी मिल सके. इंजीनियरों को नौकरी न मिलने के पीछे स्किल गैप होने को कारण बताया गया है.

हर साल होते हैं 15 लाख इंजीनियर ग्रेजुएट

रिपोर्ट में कहा गया है कि इंजीनियरिंग एक ऐसा पेशा है, जो काफी समय से देश के विकास का आधार रहा है. इंजीनियर देश की प्रगति को आकार देते हैं. लगभग 15 लाख इंजीनियर हर साल ग्रेजुएट होते हैं. हालांकि, इस प्रभावशाली आउटपुट के बावजूद भी हमारे इंजीनियरिंग स्नातकों की रोजगार क्षमता एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है. जो कि देश के विकास के लिहाज से भी चिंता का विषय है.

स्किल डिमांड के हिसाब से पाठ्यक्रम लाने की जरूरत- सीईओ एआर रमेश

टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप के सीईओ एआर रमेश ने कहा कि एआई, सेमीकंडक्टर जैसी फील्ड में जो गैप हो रहा है. उस पर ध्यान देने की जरूरत है. इंजीनियरों को इनके हिसाब से ट्रेन करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही कोर्स को स्किल डिमांड के हिसाब से डिजाइन करने की जरूरत है.

टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप की उपाध्यक्ष और मुख्य व्यवसाय अधिकारी धृति प्रसन्ना महंत ने कहा कि आज के युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है, क्योंकि इंडस्ट्री में कुशल इंजीनियरों की मांग में लगातार बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि हमारे इंडस्ट्री का विकास ऐसे लोगों से होगा जो एकेडमिक नॉलेज के साथ-साथ इंडस्ट्री में काम आने वाली जरूरी स्किल भी जानते हों.