PM मोदी राजस्थान को देंगे 40000 करोड़ की सौगात, अब दूर होगी ये बड़ी समस्या

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने रविवार कहा कि 11 नदियों को जोड़ने जाने के बाद राजस्थान में पानी किल्लत नहीं रहेगी, बल्कि इस प्रदेश में जरूरत से ज्यादा जल का भंडार रहेगा. उन्होंने कहा कि लोगों ने अपनी सात पीढ़ियों का ख्याल रखने के लिए पर्याप्त पैसा बचाया है, लेकिन अब उस पीढ़ी के लिए पानी बचाने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान को 17 दिसंबर को देंगे बड़ी सौगात. (फाइल फोटो) Image Credit: Twitter PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को राजस्थान में 11 नदियों को जोड़ने के लिए करीब 40,000 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करेंगे. इससे राजस्थान में सिंचाई की समस्या दूर हो जाएगी. कहा जा रहा है कि इससे प्रदेश में हजारों किसान परिवारों को सीधा फायदा होगा. नदियों को जोड़ने जाने से उनके खेतों को सालों भर पानी मिल पाएगा. ऐसे में किसान पारंपरिक फसलों के अलावा दूसरी फसलों की भी खेती कर पाएंगे.

पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने रविवार को इसकी जानकारी दी. पाटिल ने कहा है कि 11 नदियों को जोड़ने जाने के बाद राजस्थान में पानी किल्लत नहीं रहेगी, बल्कि इस प्रदेश में जरूरत से ज्यादा जल का भंडार रहेगा. उन्होंने कहा कि लोगों ने अपनी सात पीढ़ियों का ख्याल रखने के लिए पर्याप्त पैसा बचाया है, लेकिन अब उस पीढ़ी के लिए पानी बचाने की जरूरत है, क्योंकि जल ही जीवन है.

जल संचयन पर काम करने की जरूरत

सुचि सेमीकॉन के सेमीकंडक्टर प्लांट के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए पाटिल ने कॉरपोरेट्स से भविष्य में जल संकट के मुद्दे को हल करने के लिए जल संचयन पर काम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में गंभीर जल संकट है. पीएम मोदी 17 दिसंबर को जिस परियोजना को समर्पित करने जा रहे हैं, उसमें 11 नदियों को जोड़ा जाएगा. इसके लिए वे करीब 40,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना की घोषणा करेंगे. इसके बाद राजस्थान के पास सबसे ज्यादा पानी होगा.

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एमओयू पर हुआ था हस्ताक्षर

राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों ने जनवरी 2024 में जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, ताकि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के साथ एकीकृत संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल (एमपीकेसी) लिंक परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और व्यापक योजना तैयार की जा सके. इस परियोजना से मध्य प्रदेश और राजस्थान में जल संकट में सुधार होने की उम्मीद है. एमपीकेसी लिंक परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज को शामिल किया गया है.

इन जिलों को किया गया शामिल

संसद में साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस परियोजना में राजस्थान के झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर आदि 21 नवगठित जिलों से लेकर मध्य प्रदेश के गुना, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, मंदसौर, मुरैना, रतलाम, ग्वालियर आदि जिलों को पानी उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है. यह परियोजना विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करेगी, जैसे पेयजल आपूर्ति, सिंचाई और औद्योगिक जल मांगों को पूरा करना शामिल है.

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