ग्रामीण इलाकों में 5% और शहरी क्षेत्रों में 4% घटी गरीबी, SBI रिसर्च का दावा
SBI Research की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गरीबी में कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में 5% की गिरावट आई है. साथ ही शहरी क्षेत्रों में गरीबी में कमी आई है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान शहरी गरीबी में 4.09% की गिरावट हुई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह कमी 4.6% थी.
देश में बढ़ती महंगाई के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल देश की गरीबी में कमी आई है. यह दावा SBI Research की रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ग्रामीण आबादी में 5 फीसदी गरीबी घटी है, तो वहीं शहरी इलाकों में 4.09 फीसदी गरीबी में कमी आई है. यानी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों के मुकाबले गरीबी में ज्यादा कमी आई है. रिपोर्ट का कहना है कि देश में आई इस गरीबी में कमी का कारण लोगों की आमदनी में हुई बढ़ोतरी है. आमदनी बढ़ने से लोगों ने ज्यादा खर्च किया जो बताता है गरीबी में कमी आई है.
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह गिरावट 4.86% थी, जबकि 2011-12 में यह दर 25.7% थी. वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में शहरी गरीबी 4.09% घटी है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह कमी 4.6% थी.
रिपोर्ट में क्या बताया गया है?
SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 की जनगणना के बाद गरीबी के आंकड़ों में और सुधार हो सकता है. रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत में गरीबी दर अब 4 से 4.5% के बीच हो सकती है. साथ ही, यह भी दावा किया गया है कि भारत में गंभीर गरीबी लगभग खत्म हो चुकी है.
रिपोर्ट के अनुसार गरीबी में कमी के क्या कारण है?
- शहरी इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी बेहतर हुई है.
- ग्रामीण इलाकों में आय असमानता कम हुई है.
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजनाओं ने गरीबी घटाने में अहम भूमिका निभाई है.
- ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और किसानों की इनकम में बढ़ोतर ने भी मदद की है.
- साथ ही खाने-पीने की चीजों पर खर्च कम हुआ, लेकिन उनकी खपत में बढ़ोतरी हुई है.
- मध्यम आय वाले राज्यों के ग्रामीण लोगों ने अपने खर्च को बढ़ाया है.
फिलहाल महंगाई के मामले में क्या कहते हैं आंकड़े ?
नवंबर 2024 में महंगाई दर 5.48% रही. इसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने दिसंबर में ब्याज दरें स्थिर रखीं. वहीं अगली बैठक फरवरी में होगी.
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