जल्द ही मिलेगी 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन की सौगात, जोर-शोर से जुटा रेल मंत्रालय
पत्र में यह भी कहा गया है कि ट्रेन सेट स्टील से बने होने चाहिए और अधिकतम गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा, जबकि संचालन की गति 220 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए.
भारतीयों को जल्द ही 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन की सौगात मिलने वाली है. रेल मंत्रालय ने दो ट्रेन सेट के डिजाइन और निर्माण के लिए बोली आमंत्रित की है, जिसकी गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इसी साल जून की शुरुआत में रेलवे ने इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चेन्नई को दो मानक गेज ट्रेनसेट रेक बनाने के लिए एक पत्र लिखा था, जिनमें से प्रत्येक में आठ कोच होंगे.
पत्र में यह भी कहा गया है कि ट्रेन सेट स्टील से बने होने चाहिए और अधिकतम गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा, जबकि संचालन की गति 220 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए. फिलहाल, वंदे भारत अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. इसमें शताब्दी एक्सप्रेस की तरह यात्रा श्रेणी है, लेकिन शताब्दी एक्सप्रेस से बेहतर सुविधाएँ हैं. इसका उद्देश्य यात्रियों को नया यात्रा अनुभव देना है.
इस महीने की शुरुआत में, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने BEML के बैंगलोर रेल कॉम्पलेक्स में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. इस ट्रेन में कई विश्वस्तरीय सुविधाएँ होंगी, जिनमें यूएसबी चार्जिंग के साथ इंटिग्रेटेड रीडिंग लाइट, पब्लिक एनाउंसमेंट और दृश्य सूचना प्रणाली, डिस्प्ले पैनल और सुरक्षा कैमरा, मॉड्यूलर पैंट्री, और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, पहली एसी कार होगी जिसमें नहाने के लिए गर्म पानी के साथ शॉवर की सुविधा होगी, जो यात्रियों के लिए आरामदायक होगी.
वंदे भारत के स्लीपर संस्करण में कई सुविधाओं को अपग्रेड किया गया है और इसे आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. इसमें फ्रंट नोज़ कोन से लेकर इंटीरियर पैनल, सीट, स्लीपर बर्थ, और कई अन्य चीजों को बेहतर बनाया गया है. BEML ने इलेक्ट्रिकल, प्रोपल्शन, बोगियों, एक्सटीरियर प्लग डोर, ब्रेक सिस्टम और HVAC सहित कई महत्वपूर्ण प्रणालियों का एकत्रीकरण किया है, जिससे पूरे ट्रेन सेट में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित होता है. आपको बता दें कि इस ट्रेन सेट की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा रहने वाली है.