रतन टाटा को लेकर पेटीएम सीईओ की ट्वीट पर गर्माए लोग, करना पड़ा पोस्ट डिलीट

पेटीएम सीईओ विजय शेखर शर्मा ने टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक ट्वीट किया था. लेकिन उनके ट्वीट ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया जिसके बाद शेखर ने ट्वीट डिलीट कर दिया. जानें क्या है पूरा मामला.

पेटीएम सीईओ ने डिलीट किया ट्वीट Image Credit: Ashish Vaishnav/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा को सोशल मीडिया के एक पोस्ट के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ गया. शेखर ने टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक ट्वीट किया था. लेकिन उनकी ट्वीट को देखकर लोग गुस्से में आ गए जिसके बाद शेखर को ट्वीट डिलीट करनी पड़ गई.

क्या था ट्वीट में?

86 वर्षीय रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर की देर रात को हुआ था. उसके बाद अलग-अलग माध्यमों से लोगों ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी. इसी कड़ी में पेटिएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने भी एक्स पर रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “एक लीजेंड, जो हर पीढ़ी को प्रेरित करेंगे. आने वाली पीढ़ी के उद्यमी भारत के सबसे विनम्र व्यवसायी के साथ बातचीत करने से चूक जाएंगे. सैल्यूट सर. ओके टाटा बाय बाय.” इस ट्वीट के आखिर में लिखा ‘ओके टाटा बाय बाय’ को देखकर लोग भड़क गए. कुछ ही समय बाद शेखर ने ट्वीट डिलीट कर दी.

शेखर ने दोबारा किया ट्वीट

हालांकि शेखर ने क्रिटिसिज्म के बाद दोबारा ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “मेरे लिए RNT भारत के सबसे ज्यादा विनम्र बिजनेस लीडर थे. बिजनेस लीडर्स की आने वाली पीढ़ी रतन टाटा के साथ इंटरैक्शन और उनके दयालु स्वभाव को काफी याद करेंगी.”

9 अक्टूबर को हुआ था निधन

आपको बता दें कि 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्षीय रतन टाटा ने आखरी सांस ली. ब्लड प्रेशर से संबंधी परेशानी के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. रतन टाटा ने ओला, अपस्टॉक्स, लेंसकार्ट, कारदेखो, फर्स्ट क्राई, पेटीएम, ब्लूस्टोन और अर्बन लैडर समेत 50 से ज्यादा स्टार्टअप में निवेश किया था. उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण, 2008 में भारत का दूसरा सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. रतन टाटा कोई सामान्य उद्योगपति नहीं बल्कि देश के लिए वाकई किसी ‘रतन’ से कम नहीं थे.