Ratan Tata का 86 वर्ष की उम्र में निधन, मुंबई के ब्रीच केंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस

देश के मशहूर उद्योगपति पद्म भूषण रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. 150 वर्ष पुराने टाटा समूह को वैश्विक पहचान दिलाने वाले में अहम भूमिका निभाने वाले रतन टाटा दो दिन से अस्पताल में भर्ती थे. उनकी मौत की वजह अभी साफ नहीं है. हालांकि, ब्लड प्रेशर की समस्या के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

रतन टाटा Image Credit: GettyImages

देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें 7 अक्टूबर को देर रात ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, हम रतन नवल टाटा को बहुत गहरे दुख के साथ विदाई दे रहे हैं. वे एक असाधारण नेता थे. टाटा समूह के साथ ही हमारे देश के ताने-बाने को आकार देने में भी उनका अतुलनीय योगदान रहा है.

वे टाटा समूह के लिए एक अध्यक्ष से कहीं बढ़कर थे. मेरे लिए, वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे. उन्होंने अपने आचरण से मिसाल पेश कर लोगों को प्रेरित किया. उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ अपने नैतिक मूल्यों के प्रति हमेशा सच्चे रहते हुए वैश्विक स्तर पर विस्तार किया. परोपकार और समाज के विकास के प्रति उनके समर्पण ने भी लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, उनकी पहलों ने गहरी छाप छोड़ी है, जिसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा.

उम्र संबंधी बीमारी से हुई मौत

रतन टाटा को शुरुआती तौर पर ब्लड प्रेशर में अचानक तीव्र बदलावों की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान अधिक होने की वजह से एक के बाद एक अंगों ने काम करना बंद कर दिया. इस दौरान उन्हें लगातार इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया. हालांकि, उम्र ज्यादा होने की वजह से किसी तरह का इलाज काम नहीं आया.


व्यापार को देश के विकास से जोड़ने वाले आइकन थे रतन टाटा : राष्ट्रपति

भारत ने एक ऐसे महान व्यक्तित्व को खो दिया है, जिसने कॉर्पोरेट विकास को राष्ट्र निर्माण के साथ जोड़ा. पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा समूह की महान विरासत को आगे बढ़ाया और प्रभावशाली वैश्विक पहचान दी. उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया. परोपकार और दान के लिए उनका योगदान अमूल्य है. मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं.

पीएम मोदी ने जताया दुख

रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा, रतन टाटा एक दूरदर्शी कारोबारी नेता होने के साथ ही एक दयालु और असाधारण इंसान थे. उन्होंने देश के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घराने को स्थिर नेतृत्व दिया. उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया. उन्होंने अपनी विनम्रता, दयालुता और समाज को बेहतर बनाने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के कारण लोगों के बीच अपनी जगह बनाई.

राहुल गांधी बोले व्यापार परोपकार पर छोड़ी छाप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रतन टाटा के निधन पर दुख जातते हुए कहा, रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे. उन्होंने व्यापार और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है. उनके परिवार और टाटा समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं.