Gold Loan कंपनियों से नाराज RBI, नियमों में जल्द हो सकता है ये बड़ा बदलाव
RBI ने पिछले दिनों कई बार Gold Loan बांटने वाली कंपनियों को उनके तौर-तरीकों को लेकर चेताया है. यहां तक कि कुछ कंपनियों पर रिजर्व बैंक कार्रवाई भी कर चुका है. अब गोल्ड लोन से जुड़े कुछ अहम नियमों में बदलाव की तैयारी की जा रही है.
Gold Loan देने वाली कंपनियों से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नाराज है. कई बार इन कंपनियों को अपने तौर-तरीकों में सुधार करने और ग्राहकों के हितों का ध्यान रखने की सलाह दे चुका है. हालांकि, इन कंपनियों की तरफ से बार-बार नियमों का उल्लंघन किया जाता है. इसे ध्यान में रखकर रिजर्व बैंक अब गोल्ड लोन के ग्राहकों के हित में नियमों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है.
रिजर्व बैंक ने गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों को सख्ती के साथ यह निर्देश दिया है कि ये कंपनी अपने ग्राहकों को लोन चुकाने के लिए रिपेमेंट के नए विकल्प पेश करें. नए नियमों के तहत कंपनियों को होम लोन, ऑटो लोन की तरह है गोल्ड लोन पर ईएमआई का विकल्प देना होगा.
रिजर्व बैंक का है यह निर्देश
ईटी ने अपनी एक रिपोर्ट में बैंकिंग अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस संबंध में रिजर्व बैंक का आदेश साफ है. रिजर्व बैंक गोल्ड लोन कंपनियों से चाहता है कि वे लोन लेने वाले की भुगतान क्षमता की जांच करें और केवल गिरवी रखे जेवर पर निर्भर नहीं रहें. इसलिए गोल्ड लोन के मासिक भुगतान के विकल्प पर बात की जा रही है.
भुगतान का नया विकल्प
RBI ने इससे पहले 30 सितंबर को जारी एक सर्कुलर में भी गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों को चेतावनी दी थी. इसमें कहा गया था कि गोल्ड लोन की सोर्सिंग, वैल्युएशन, नीलामी पारदर्शिता, एलटीवी अनुपात की निगरानी और जोखिम भार के लिहाज से बहुत से खामियां पाई गई हैं. सर्कुलर में आरबीआई ने कहा कि आंशिक भुगतान के साथ गोल्ड लोन एक गलत परंपरा है.
अत तक ऐसे हो रहा भुगतान
फिलहाल गोल्ड लोन देने वाले ग्राहकों को बुलेट रिपेमेंट का विकल्प देते हें. इसके तहत लोन लेने वाला व्यक्ति लोन की अवधि के अंत में पूरी राशि चुका सकता है. इसके अलावा एक विकल्प यह रहता है कि उधारकर्ता जब चाहे आंशिक भुगतान कर दे. लेकिन, आरबीआई ने इस तरीके पर चिंता जाहिर की है.
बढ़ रहा गोल्ड लोन का बाजार
यह निर्देश हाल ही में बैंकों और एनबीएफसी में गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में पर्याप्त वृद्धि के बाद आया है. क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से अगस्त के दौरान सोने के आभूषणों के बदले बैंकों की तरफ से जारी किए गए रिटेल लोन में 37% की वृद्धि हुई है, जो सोने की बढ़ती कीमतों के साथ मेल खाता है. इसके अलावा गोल्ड-लोन-केंद्रित एनबीएफसी ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपने प्रबंधन के अधीन परिसंपत्तियों में 11% की वृद्धि दर्ज की है.