RBI ने दी गुड न्यूज, Economy से जुड़ी बड़ी चिंता हुई दूर, महंगाई के मोर्चे पर जारी रहेगी जंग
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बुलेटिन जारी किया है. इसमें बताया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ी एक बड़ी चिंता से राहत मिली है. लेकिन, फिलहाल महंगाई के मोर्चे पर स्थिति नाजुक बनती जा रही है.
RBI ने देश की अर्थव्यवस्था पर मासिक बुलेटिन जारी किया है. इस बुलेटिन में बताया गया है कि घरेलू मांग में कमी उपजी अर्थव्यवस्था की चिंताओं में अब राहत के संकेत मिले हैं. 212 पन्नों की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अब देश में निजी खपत में सुधार हो रहा है. इसके साथ ही रबी फसल की अच्छी पैदावार की संभावना से अर्थव्यवस्था की वृद्धि की गति जारी रहने का भरोसा जताया गया है.
RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय संपादकीय समिति की रिपोर्ट के संपादक जीवी नादनाएल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी के साथ मुद्रास्फीति बढ़ना चिंताजनक है. खासतौर पर प्राथमिक खाद्य कीमतों में तेजी के संकेत के बाद अब खाद्य तेलों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है.
महंगाई के मोर्चे पर हालात नाजुक
बुलेटिन में बताया गया है कि प्राथमिक खाद्य पदार्थों की कीमतों में जारी वृद्धि के चलते फिलहाल महंगाई की चुनौती बरकरार है. फिलहाल, यह नियंत्रण में है, लेकिन चिंता का विषय है, क्योंकि अगर महंगाई अनियंत्रित होती है, इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि को गहरा झटका लग सकता है. अक्टूबर में देश में खुदरा महंगाई दर 6.21 फीसदी रही, जो 4 फीसदी के टोलरेंस लेवल से ज्यादा है.
महंगाई का मांग पर पड़ रहा असर
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई की वजह से वस्तुओं और सेवाओं की इनपुट लागत बढ़ रही है. इसकी वजह से बिक्री कीमतों पर सावधानी से नजर रखने की जरूरत है. महंगाई की वजह से पहले से ही शहरी उपभोक्ता मांग और कंपनियों की आय प्रभावित हो रही है. अब पूंजीगत खर्च भी प्रभावित होने लगा है.
आर्थिक गतिविधियों में तेजी
रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई-सितंबर में जो आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आई थी वह अब खत्म हो चुकी है. मिड टर्म के लिहाज से अब आर्थिक गतिविधियों की स्थिति मजबूत बनी हुई है. निजी खपत की मांग में बढ़ोतरी से अब अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है.
त्योहारों से खत्म हुई सुस्ती
रिपोर्ट में बताया गया है कि त्योहारी सीजन के दौरान हुए खर्च से आर्थिक गतिविधियो में आई सुस्ती को खत्म किया है. इस खर्च का नतीजा मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजों में देखने को मिलेगा.
गांवों तक पहुंचा ई-कॉमर्स
रिपोर्ट के मुताबिक इस बार त्योहारी सीजन में ग्रामीण क्षेत्रों से ई-कॉमर्स कंपनियों को जमकर ऑर्डर मिले हैं. एक तरह से ग्रामीण भारत ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए लॉटरी की तरह साबित हुए. ग्रामीण क्षेत्र जबरदस्त आय हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक खरीफ उत्पादन में तेज वृद्धि और रबी उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद से आर्थिक गतिविधियों में आगे और तेजी आने की संभावना है.
निर्यात भी बढ़ा
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के निर्यात में भी सुधार हुआ है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ने से विश्व व्यापार में वस्तुओं के निर्यात में भारत की स्थिति में सुधार आ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल पेट्रोलियम उत्पादों में भारत की वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी 13 फीसदी है. इसके अलावा प्रीसियस जेमस्टोन का भारत सबसे बड़ा निर्यातक है. इसी तरह कीटनाशकों का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है. वहीं, रबर टायरों का 8वां सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है.
सेमीकंडक्टर ने भी पकड़ी गति
रिजर्व बैंक के बुलेटिन के मुताबिक भारत फिलहाल दुनिया में सेमीकंडक्टर निर्यात के मामले में 9वें स्थान पर है. यह पूरी तरह से नया क्षेत्र है.