दिल्ली में 8 मार्च के बाद आयुष्मान भारत के लिए रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य मंत्री बोले-100 दिनों में होगा कायापलट
दिल्ली में नई सरकार के आते ही एक्शन शुरू हो गया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 8 मार्च से शुरू होगी. साथ ही, AAP पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में 2,500 मोहल्ला क्लीनिक सिर्फ कागजों पर मौजूद थे, इसलिए सरकार ने उन्हें बंद करने का आदेश दिया है.

Ayushman Bharat scheme: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने गुरुवार को घोषणा की कि आयुष्मान भारत योजना के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 8 मार्च से शुरू होगी. यह कदम राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार जल्द ही इस योजना को लागू करने के लिए केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगी. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि 100 दिनों के भीतर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में बुनियादी सुधार दिखने लगेंगे. साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं होगी.
मोहल्ला क्लीनिक पर कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने आरोप लगाया कि पिछली AAP सरकार के दौरान लगभग 2,500 मोहल्ला क्लीनिक सिर्फ कागजों पर मौजूद थे, और किराए के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा था. उन्होंने ऐसे फर्जी क्लीनिकों को बंद करने के आदेश दिए हैं.
प्रसव के आंकड़े सुधारने का लक्ष्य
सिंह ने बताया कि दिल्ली में लगभग 20 फीसदी प्रसव अस्पतालों के बाहर होते हैं. सरकार संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर इस आंकड़े में सुधार लाने के प्रयास कर रही है. मंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली के बाहरी इलाकों में मोबाइल डेंटल वैन तैनात की जाएंगी, ताकि वंचित आबादी को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकें. पहले चरण में 10 मोबाइल यूनिट तैनात की जाएंगी, जिसके बाद इसे पूरे शहर में विस्तारित किया जाएगा.
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दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) को निर्देश दिया कि नर्सिंग होम और निजी स्वास्थ्य केंद्र पंजीकरण से पहले सभी सुरक्षा और परिचालन मानकों को पूरा करें. मंत्री ने चेतावनी दी, “गलत काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.”
उन्होंने आगे कहा, “हम सरकारी अस्पतालों को निजी अस्पतालों से बेहतर बनाएंगे.” पारदर्शिता और दक्षता में सुधार के लिए अस्पताल निदेशकों के साथ बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए आईटी विभाग से तकनीकी सहायता भी ली जाएगी.
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