दक्षिण भारत के इस मंदिर में हर साल चढ़ता है 3000 किलो से ज्‍यादा सोना, कमाई जानकर उड़ जाएंगे होश

भारत के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में हर साल करोड़ों रुपए के सोने-चांदी हीरे जवाहरात और पैसे चढ़ते है्ं. साउथ का एक ऐसा ही मंदिर जिसका नाम श्री वेंकटेश्वर टेम्‍पल है. वर्तमान में यह मंदिर यहां मिलने वाले प्रसाद में मिलावट को लेकर चर्चाओं में है.

भारत को आस्‍था का केंद्र कहा जाता है, यही वजह है कि यहां के नामी मंदिरों में हर रोज लाखों भक्‍त दर्शन करने जाते हैं. वे मंदिर में जमकर चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. इसी कारण भारत के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में हर साल करोड़ों रुपए के सोने-चांदी हीरे जवाहरात और पैसा चढ़ता है. साउथ का एक ऐसा ही मंदिर जिसका नाम श्री वेंकटेश्वर टेम्‍पल है, जहां हर साल जमकर चढ़ावा आता है. इसे तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
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वर्तमान में यह मंदिर अपनी कमाई से ज्‍यादा यहां प्रसाद में मिलने वाले लड्डुओं की वजह से चर्चा में है. दरअसल यहां के प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के उपयोग की बात सामने आई है. इसकी पुष्टि गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड में पशुधन और खाद्य विश्लेषण और शिक्षण केंद्र (CALF) की लैब रिपोर्ट में हुई है. इससे पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है.
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मंदिर की कमाई की बात करें तो दुनिया के सबसे अमीर हिंदू मंदिर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में तिरुपति बालाजी दूसरे नंबर पर है. यहां हर साल करोड़ों का सोना चढ़ता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर ट्रस्ट को 2023 में दान के रूप में लगभग 773 करोड़ रुपए मूल्य का 1,031 किलोग्राम सोना मिला था. तिरुपति ट्रस्ट के पास स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों में 8,496 करोड़ रुपए मूल्य का 11,329 किलोग्राम सोना जमा है.
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एक सरकारी वेबसाइट के अनुसार हर दिन तिरुपति मंदिर में औसतन 30,000 भक्‍त दर्शन के लिए आते हैं, जिससे मंदिर को 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दान रोज मिलता है. जिससे हर महीने यह औसत 180 मिलियन तक पहुंच जाता है. मंदिर को हर साल करीब 650 करोड़ का दान मिलता है.
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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मंदिर को पिछले साल तक मिले करोड़ों के दान में 52 टन सोने के आभूषण हैं. हर साल मंदिर तीर्थयात्रियों से दान पेटियों में प्राप्त 3000 किलोग्राम से ज्‍यादा सोने को राष्ट्रीयकृत बैंकों के स्वर्ण भंडार में जमा कराया जाता है. 10वीं शताब्दी में निर्मित, तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक तीर्थ स्थलों में से एक है.
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