हिमाचल के 6 सबसे अमीर मंदिर, जिनसे सरकार ‘मांग रही पैसा’, इनके पास कितना क्विंटल सोना, कैश और बैंक FD
Himachal Pradesh सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है, इसलिए वह मंदिर ट्रस्टों से आर्थिक सहायता लेने की योजना बना रही है. इसपर बीजेपी ने विरोध जताया है. लेकिन हिमाचल के मंदिरों के पास कितना पैसा है, कितना सोना-चांदी और बैंक एफडी है. चलिए जानते हैं हिमाचल के अमीर मंदिरों के बारे में...
Richest Temple of Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश सरकार इस समय वित्तीय संकट से गुजर रही है, हाल में लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य इस गंभीर स्थिति में पहुंचा है. लेकिन सरकार अब इससे निपटने के लिए मंदिर ट्रस्टों से आर्थिक सहायता लेने की योजना बना रही है. हालांकि सरकार के इस फैसले की बीजेपी (BJP) ने कड़ी आलोचना की है और इसे “चौंकाने वाला और अस्वीकार्य” बताया है. कोरोना महामारी के दौरान भी मंदिर ने सरकार को करोड़ों रुपये दिए थे. लेकिन यहां हम आपको बताएंगे हिमाचल के ये कौन से मंदिर हैं जिनके पास इतना पैसा है कि ये सरकारों तक की मदद कर रहे हैं. इन मंदिरों के पास कितना सोना, बैंक डिपॉजिट है. चलिए जानते हैं.
मंदिर | कैश | बैंक FD | सोना | चांदी |
चिंतपूर्णी | ₹1.57 करोड़ | ₹102 कोरड़ | 1.98 क्विंटल | 72 क्विंटल |
नैना देवी | ₹11.47 करोड़ | ₹58.97 करोड़ | 1.80 क्विंटल | 72.92 क्विंटल |
बाबा बालकनाथ | ₹65 करोड़ | ₹28.45 करोड़ | 26.6 किलो | 4 क्विंटल |
ज्वालामुखी | ₹3.5 करोड़ | ₹20.8 करोड़ | 23.2 किलो | 8.9 क्विंटल |
चामुंडा | ₹1.48 करोड़ | ₹5.5 करोड़ | 18.4 किलो | 6.8 क्विंटल |
ब्रजेश्वरी | ₹1.48 करोड़ | ₹3.5 करोड़ | 33.4 किलो | 10.97 क्विंटल |
बता दें कि हिमाचल सरकार ने एक अधिसूचना में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना (2023) और मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना (2024) के लिए मंदिर ट्रस्टों से योगदान देने का अनुरोध किया है. इन योजनाओं का उद्देश्य वंचित बच्चों की देखभाल और शिक्षा को बढ़ावा देना है. हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि मंदिरों से मिलने वाले दान पूरी तरह स्वैच्छिक होंगे और केवल संबंधित मंदिर ट्रस्ट बोर्डों की सहमति से ही स्वीकार किए जाएंगे. साथ ही, ये योगदान सभी मौजूदा नियमों और कानूनों के अनुरूप होने चाहिए.
मंदिर पहले भी दे चुका है योगदान
इससे पहले, कोरोना महामारी के दौरान, जब नवरात्रों में मंदिर बंद थे, तब हिमाचल प्रदेश के पांच प्रमुख मंदिरों ने कोविड-19 राहत कोष में 9.21 करोड़ रुपये का योगदान दिया था. तब राज्य में बीजेपी की सरकार थी.
बीजेपी कर रही विरोध
हिमाचल बीजेपी ने सरकार के इस कदम पर कड़ा विरोध जताया है. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर मंदिरों के चंदे को सरकारी खर्चों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि, “सरकार मंदिर ट्रस्टों पर दबाव डाल रही है कि वे अपने फंड सौंप दें. यह बिल्कुल अस्वीकार्य है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह पैसा आपदा राहत के लिए इस्तेमाल किया जाता, तो इसे समझा जा सकता था, लेकिन सरकारी खर्चों के लिए मंदिरों के पैसे का उपयोग करना गलत है.