राम मंदिर की तर्ज पर बनेगा मां जानकी मंदिर, तैयार होगा 5 स्टार होटल, नए बिहार के लिए खर्च होंगे 1328 करोड़
बिहार में पिछले साल पर्यटन के सेक्टर में बड़ा इजाफा देखने को मिला. बिहार राज्य के पर्यटन मंत्री राजकुमार सिंह ने बताया कि बिहार में पिछले साल करीब 6 करोड़ 60 लाख पर्यटक आए, इनमें करीब 6.50 करोड़ भारतीय पर्यटक और 7.30 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक शामिल रहे.

सुजीत कुमार: बिहार की छवि अब सिर्फ ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब लोग इसे घूमने-फिरने की एक बेहतरीन जगह मानने लगे हैं. दरअसल पिछले साल राज्य में लगभग 6 करोड़ 60 लाख पर्यटक पहुंचे हैं. इसमें करीब 6.50 करोड़ भारतीय और 7.30 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक शामिल रहे. यह जानकारी राज्य के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने दी है. मंत्री का कहना है कि बिहार सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उनके अनुसार, पर्यटन न सिर्फ राज्य की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाता है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके भी मिलते हैं, इसलिए आधुनिक पर्यटन सुविधाएं विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है.
नए प्रोजेक्ट्स पर 1328 करोड़ रुपये की मंजूरी
पर्यटन मंत्री ने बताया कि बिहार में पर्यटन सुविधाओं के ढांचागत विकास के लिए वर्ष 2024-25 में 1328 करोड़ रुपये की लागत से कई नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के तहत इन परियोजनाओं पर तेजी से काम भी शुरू हो चुका है. इसके अलावा राजधानी पटना में थ्री और फाइव स्टार होटल बनाए जा रहे हैं, ये होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड और सुल्तान पैलेस की जमीन पर है. ये प्रोजेक्ट PPP यानी कि Public Private Partnership मॉडल पर बनाए जा रहे हैं, जिससे राज्य में करीब 1000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है.
इसके पर्यटन मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि, सीतामढ़ी, रोहतास और बक्सर में बजट होटलों के निर्माण के लिए 84.27 करोड़ रुपये और मुंगेर जिले के असरगंज में तीर्थयात्री शेड और कैफेटेरिया के लिए 14.88 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
राम मंदिर की तर्ज पर बनेगा मां जानकी जन्मभूमि मंदिर
पर्यटन मंत्री ने बताया कि रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, सूफी सर्किट और इको सर्किट को लेकर बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है. अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पुनौराधाम में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर बनाया जा रहा है, जिसके लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से 50 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा रही है. इसके अलावा वाल्मीकिनगर में लवकुश आश्रम, बक्सर में रामरेखा घाट, अहिल्या स्थान और फुलहर स्थान जैसे धार्मिक स्थलों पर भी विकास कार्य हो रहा है. साथ ही राजगीर के ब्रह्मकुंड का भी कायाकल्प किया जा रहा है.
छोटे निवेशकों को भी मिलेगा फायदा
वहीं पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह का कहना है कि पर्यटन नीति में छोटे निवेशकों को ध्यान में रखकर बदलाव किए गए हैं. अब प्रमुख शहरों को छोड़कर बाकी जिलों में होटल निर्माण के लिए निवेश की सीमा कम कर दी गई है. जैसे जिला मुख्यालयों में थ्री स्टार होटल के लिए 7.5 करोड़ रुपये और अनुमंडल स्तर पर टू स्टार होटल के लिए 5 करोड़ रुपये का निवेश काफी होगा.
इसके साथ ही, परियोजनाओं को एसजीएसटी की 80 फीसदी तक की वापसी और 7 साल तक की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान है. बता दें पहले यह लाभ सिर्फ 5 सालों तक मिलता था.
बिहार के युवाओं और दिव्यांगों को मिलेगा सीधा लाभ
नई पर्यटन परियोजनाओं के तहत अगर कोई निवेशक बिहार के स्थानीय लोगों को नौकरी देता है, तो सरकार उन्हें ईएसआई और ईपीएफ योजना में नियोक्ता अंशदान के लिए 100 फीसदी या 3000 रुपये प्रति कर्मचारी (जो भी कम हो) की मदद करेगी. वहीं, अगर कोई प्रोजेक्ट दिव्यांगों को रोजगार देता है तो प्रति कर्मचारी 1500 रुपये प्रति माह तक की मदद दी जाएगी.यह सुविधा अधिकतम 5 दिव्यांग कर्मचारियों तक सीमित रहेगी.
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