छत्तीसगढ़ में दिखा फ्रॉड का अनोखा तरीका, ठगी करने के नाम पर बना डाली नकली ब्रांच

फ्रॉड करने के कई तरीके होते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में जिस तरह से फ्रॉड करने की कोशिश की गई वह तरीका काफी अनोखा था. कुछ फ्रॉड करने वाले लोगों ने गांव में फर्जी ब्रांच खोल लिया फिर उसी गांव के लोगों को बतौर कर्मचारी भर्ती भी कर लिया.

छत्तीसगढ़ में फर्जी ब्रांच के जरिये ठगी की कोशिश Image Credit: simon2579//DigitalVision/Getty Images

फ्रॉड के कई तरीके आपने देखे होंगे. ईमेल, बैंक अकाउंट या आधार कार्ड की मदद से अबतक आसानी से फ्रॉड किया जाता रहा है. लेकिन हाल में, छत्तीसगढ़ में जिस तरह से फ्रॉड करने की कोशिश की हुई है वह किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 250 किमी की दूरी पर सक्ती जिले में छपोरा नाम का एक गांव है. उस गांव में कुछ लोगों ने एसबीआई की नकली ब्रांच ही बना डाली. केवल इतना ही नहीं, नकली ब्रांच बनाने के बाद फ्रॉड करने वाले लोगों ने गांव के लोगों को ही कर्मचारी के रूप में भर्ती भी कर लिया.

गांव के लोगों का भरोसा जीतने के चक्कर में फ्रॉड करने वाले लोगों ने ना सिर्फ नकली ट्रेनिंग का दिखावा किया बल्कि गांव के कई लोगों के लाखों रुपयों की भी ठगी कर ली. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रांच के कागजात से लेकर हॉलमार्क और लोगो तक, सभी चीजें बिल्कुल असली बनाई गई थी. इन बातों से अनजान, गांव में नया ब्रांच देखकर वहां के लोग भी बैंक में अकाउंट खोलने और लेनदेन करने के उद्देश्य से आने-जाने लगे थे.

छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि गांव के एक आदमी ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद इस मामले की तफ्तीश शुरू की गई. पुलिस के मुताबिक, गांव में एक निवासी ने कुछ समय पहले SBI Kiosk के लिए आवेदन दिया था. उसे जब अचानक से गांव में एसबीआई ब्रांच दिखा तब उसे कुछ गड़बड़ी लगी और उसने पुलिस को इसके बाबत जानकारी दी. शिकायत करने वाले शख्स का नाम अजय कुमार अग्रवाल है. 

अग्रवाल ने एक मीडिया चैनल को मामले पर बात करते हुए बताया, “ब्रांच को लेकर जब मैंने कर्मचारियों से पूछताछ करनी चाही तब वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इसके अलावा बैंक के साइन बोर्ड पर ब्रांच कोड भी नहीं लिखा हुआ. ये देखने के बाद मुझे समझ आया कि सब ठीक नहीं है.” उसके बाद अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ पुलिस और डभारा में स्थित एसबीआई के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जिसके बाद पता चला कि असल में वह ब्रांच नकली है. पुलिस की तफ्तीश से मालूम चला कि फ्रॉड करने वाले लोग असल में राज्य के कोरबा, बलोद जैसे अलग-अलग जिलों के रहने वाले थे.पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है. नकली ब्रांच से मिले सभी कंप्यूटर और दूसरी चीजों को सीज कर लिया गया है. वहीं दूसरी ओर ब्रांच से होने वाले नुकसान को लेकर अभी जांच चल रही है.