गौतम अडानी को सीधे समन नहीं भेज सकती अमेरिकी एजेंसी, जानें कौन सी हैं चुनौतियां

एसईसी का समन, 21 नवंबर को जारी किया गया और न्यूयॉर्क की एक अदालत में दायर किया गया, जिसमें प्राप्ति के 21 दिनों के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है. नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि आप जवाब देने में विफल रहते हैं, तो डिफ़ॉल्ट रूप से आपके खिलाफ निर्णय दर्ज किया जाएगा.

21 दिनों के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है. (फाइल फोटो) Image Credit: @Tv9

सौर ऊर्जा अनुबंधों को सुरक्षित करने के लिए 265 मिलियन डॉलर (2,200 करोड़ रुपये) के कथित भुगतान से जुड़े मामले में अडानी ग्रुप के फाउंडर गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को समन भेजने के लिए अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) को औपचारिक राजनयिक प्रोटोकॉल का उपयोग करना होगा. सूत्रों ने कहा कि एसईसी के पास सीधे विदेशी नागरिकों को समन भेजने का अधिकार नहीं है और उसे अपना अनुरोध अमेरिका में भारतीय दूतावास के माध्यम से भेजना होगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रक्रिया 1965 के हेग कन्वेंशन और भारत और अमेरिका के बीच पारस्परिक कानूनी सहायता संधि द्वारा शासित है. इस मामले से अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि समन केवल मेल द्वारा नहीं भेजा जा सकता है, बल्कि इन औपचारिकताओं का पालन करना होगा, जिससे प्रक्रिया में देरी हो सकती है. एसईसी का समन, 21 नवंबर को जारी किया गया और न्यूयॉर्क की एक अदालत में दायर किया गया, जिसमें प्राप्ति के 21 दिनों के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है. नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि आप जवाब देने में विफल रहते हैं, तो डिफ़ॉल्ट रूप से आपके खिलाफ निर्णय दर्ज किया जाएगा.

रिश्वत देने का लगा है आरोप

डरअसल, गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर और एज़्योर पावर ग्लोबल के सिरिल कैबनेस सहित अन्य लोगों पर आकर्षक सौर अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 और 2024 के बीच रिश्वत देने का आरोप है. इन सौदों में कथित तौर पर 20 वर्षों में 2 बिलियन डॉलर के मुनाफे का वादा किया गया था. बुधवार को खोले गए अभियोग में आरोप लगाया गया है कि अडानी ग्रुप ने रिश्वत विरोधी भ्रामक दावों के आधार पर अमेरिकी फर्मों सहित 2 बिलियन डॉलर के ऋण और बांड जुटाए. अभियोजकों का कहना है कि 2022 में शुरू की गई जांच में बाधा आई.

रिश्वत देने के लिए योजना बनाई

अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने कहा कि जैसा कि आरोप लगाया गया है, प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत योजना बनाई. साथ ही रिश्वत योजना के बारे में झूठ बोला, क्योंकि वे अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरा कार्यालय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और निवेशकों को उन लोगों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है जो हमारे वित्तीय बाजारों की अखंडता की कीमत पर खुद को समृद्ध करना चाहते हैं.

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अडानी ग्रुप ने किया खंडन

अडानी ग्रुप ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है. कंपनी ने कहा कि अडानी ग्रुप ने हमेशा अपने संचालन के सभी अधिकार क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और विनियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है. समूह ने हितधारकों और भागीदारों को कानूनों के अनुपालन का आश्वासन दिया और आरोपों का मुकाबला करने के लिए सभी कानूनी रास्ते तलाशने का इरादा जताया.

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