भारत का ये स्टार्टअप चंद्रयान-4 सैटेलाइट लॉन्च कराने के लिए स्कूल की 12,000 छात्राओं को देगा ट्रेनिंग
भारत का एयरोस्पेस स्टार्टअप अब कई देशों की छात्राओं को ट्रेनिंग देगा और पिर उनकी मदद से सैटेलाइट भी लॉन्च करवाएगा. इस मिशन में राष्ट्रपति मूर्मु और पीएम मोदी भी शामिल हैं.
एयरोस्पेस स्टार्टअप स्पेस किड्ज इंडिया (Space Kidz India) ने “ShaktiSAT” (शक्तिसैट) मिशन लॉन्च किया है. इसके तहत 108 देशों में लगभग 12,000 लड़कियों को स्पेस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग दी जाएगी. यह मिशन ISRO के चंद्रयान-4 मिशन के तहत एक सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहा है.
स्पेस किड्ज इंडिया के बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नवंबर 2024 में “ShaktiSAT” का आधिकारिक पोस्टर लॉन्च करेंगी.
“ShaktiSAT” मिशन की प्रमुख श्रीमथी केसन ने बताया कि “इस मिशन में 14 से 18 साल की हाई स्कूल की छात्राओं को 120 घंटे की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें उन्हें स्पेस टेक्नोलॉजी, पेलोड डेवलपमेंट, और स्पेसक्राफ्ट सिस्टम्स के बारे में सिखाया जाएगा.”
इस मिशन में यूके, यूएई, ब्राजील, केन्या, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रीस, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे देश भाग ले रहे हैं.
इस मिशन का उद्देश्य हर देश से छात्राओं को जोड़कर उनकी प्रतिभा को निखारना, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, और स्पेस साइंस में रुचि जगाना है, जिससे लाखों लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी.
पीएम मोदी के सामने दिया जाएगा प्रजेंटेशन
श्रीमथी केसन ने कहा, “मुझे इस विचार से बेहद खुशी है, और मुझे विश्वास है कि यह पहल हमारे देश के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगी. हमारा लक्ष्य युवा महिलाओं को प्रेरित और सशक्त करना है, ताकि उन्हें ऐसे अवसर मिलें जो उनके जीवन को बदल सकें और हमें वैश्विक स्तर पर एकजुट कर सकें.”
ऑनलाइन ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इस मिशन में हर देश से 108 छात्राओं को चुना जाएगा जो भारत आएंगी और अगले साल जून से अगस्त के बीच, पेलोड और स्पेस क्राफ्ट के प्रोटोटाइप का प्रैक्टिकल ट्रेनिंग हासिल करेंगी.
आने वाले समय में प्रोटोटाइप का प्रेजेंटेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दिया जाएगा.
केसन ने आगे बताया कि इस मिशन का लक्ष्य 2026 में इसरो के चंद्रयान-4 मिशन के तहत सैटेलाइट लॉन्च करना है.
चेन्नई स्थित स्पेस किड्ज इंडिया ने अब तक 18 से अधिक एनएसएलवी (BalloonSats), 3 सबऑर्बिटल पेलोड और 4 ऑर्बिटल सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. इनका दावा है कि यह दुनिया का पहला संगठन है जिसने हाई स्कूल और कॉलेज के छात्रों की मदद से सैटेलाइट लॉन्च किए हैं.