कौन हैं शुभांशु शुक्ला जिन्हें भारत भेजेगा अंतरिक्ष स्टेशन, 40 साल पहले राकेश शर्मा ने किया था कारनामा
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले आधिकारिक भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे. स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से उड़ान भरने वाले शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे. नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के नेतृत्व में उनके साथ पोलैंड और हंगरी के यात्री भी शामिल होंगे.
Shubhanshu Shukla: भारत 40 साल बाद एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में दस्तक देने को तैयार है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि चार दशकों के लंबे इंतजार के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अगले महीने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर जा रहे हैं. सिंह ने कहा कि यह केवल एक साधारण उड़ान नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत अंतरिक्ष खोज में एक नए स्तर पर पहुंच रहा है. उन्होंने संसद में जानकारी दी कि भारत 2028 तक दो क्रू स्पेस फ्लाइट भेजने की योजना बना रहा है. इसके लिए बजट को 1.1 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2.32 अरब डॉलर कर दिया गया है. तो आइए जानते हैं कि शुभांशु शुक्ला कौन हैं और इस मिशन में क्या कुछ खास है.
शुक्ला का मिशन
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे, जिसे अमेरिका के नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. इस मिशन की कमान पैगी व्हिटसन (पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री) संभालेंगी, जबकि शुक्ला पायलट की भूमिका में होंगे. वे लगभग दो सप्ताह अंतरिक्ष में रहकर वहां रिसर्च और प्रयोग करेंगे. शुक्ला का यह अनुभव भारत के इसरो को भविष्य के अभियानों में सहायता प्रदान करेगा.
कौन हैं शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना (IAF) के एक अनुभवी पायलट हैं और अब वे भारत के आधिकारिक अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं. उनकी यात्रा की शुरुआत जून 2006 में हुई थी, जब उन्हें IAF की फाइटर विंग में कमीशन मिला. उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21 और MiG-29 जैसे लड़ाकू विमानों पर 2000 से अधिक घंटे की उड़ान भरी है.
2019 में इसरो ने उन्हें चुना और रूस में अंतरिक्ष यात्री ट्रैनिंग दिलवाया गया. 27 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गगनयान मिशन (भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, जिसे 2025 में लॉन्च किया जाएगा) के लिए नामित किया था.
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पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी होंगे शामिल
शुक्ला का ISS (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) मिशन नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के नेतृत्व में स्पेसएक्स ड्रैगन यान के माध्यम से किया जाएगा. इस मिशन में पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगे. पोलैंड से स्लावोस उज्नान्स्की-विस्निवेस्की और हंगरी से टिबोर कापू उनके साथ अंतरिक्ष में यात्रा करेंगे.
भारत का यह पहला मानवयुक्त मिशन होगा जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री तीन दिन के लिए अंतरिक्ष में जाएंगे और फिर वापस लौट आएंगे. भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है.