वित्तीय संकट की तरफ Smart City, मेंटेनेंस के लिए नहीं मिल रहा सरकारों से फंड

आईआईटी-खड़गपुर ने एक स्टडी में राज्यों और नगर पालिकाओं से जरूरत के अनुसार फंड नहीं मिलने के चलते 100 स्मार्ट शहरों के ICCC के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों पर फोकस किया है. रिपोर्ट में ICCC के मेंटेनेंस और ऑपरेशन के लिए रेवेन्यू शेयर करने का सुझाव दिया गया है.

स्मार्ट सिटी पर वित्तीय संकट. Image Credit: Getty image

Smart Cities Financial Crisis: देश के 100 स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर्स (ICCCs) वित्तीय स्थिरता संकट का सामना कर रहे हैं. क्योंकि राज्य और नगर पालिकाएं सेंटर को पर्याप्त फंड आवंटित नहीं कर रही हैं. ICCC एक शहर की अलग-अलग सर्विस और सिस्टम के लिए इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर है. TOI में स्टडी पर रिपोर्ट के अनुसार, इन सेंटर्स के तहत एकीकृत प्रमुख विशेषताएं शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन, नागरिक सेवाओं की निगरानी, ​​यातायात और परिवहन प्रबंधन, सेफ्टी और मॉनिटरिंग ​और आपदा जोखिम सिमुलेशन आती हैं. आईआईटी-खड़गपुर की एक स्टडी में इस पर ध्यान खींचा है और कुछ सुझाव भी दिए हैं.

सबसे बड़ी चुनौती

प्रभावी आपदा प्रबंधन पर ICCC की भूमिका पर अपनी स्टडी में आईआईटी-खड़गपुर ने निष्कर्ष निकाला कि इन केंद्रों की वित्तीय स्थिरता स्मार्ट सिटी मिशन के तहत संबोधित की जाने वाली सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसने रेवेन्यू शेयर करने के लिए एक इकोसिस्टम की सिफारिश की है, जो ICCC के मुख्य कार्यों जैसे ट्रैफिक मैनजमेंट से जेनरेट होता है. मौजूदा समय प्राप्त होने वाला रेवेन्यू राज्य के खजाने में जाता है और ICCC के साथ शेयर करने का कोई आधार नहीं है. ICCC को इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, मेंटेनेंस, ऑपरेशन और समय-समय पर अपग्रेड करना होता है.

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मोनेटाइजेशन की सिफारिश

इस तरह के इंफ्रास्टक्चर के ऑपरेशन और मेंटनेंस के लिए भारी रेकरिंग कॉस्ट की जरूरत होती है. स्टडी में ऑप्टिकल फाइबर केबल जैसे ICCC बुनियादी ढांचे के मोनेटाइजेशन और ICCC के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन को अनिवार्य बनाने और इन सुविधाओं के सामने आने वाले नकदी संकट को दूर करने के लिए इस तरह के एप्लिकेशन के मोनेटाइजेशन की सिफारिश की है.

शिकायत दर्ज करने के लिए कॉन्टैक्ट प्वाइंट

रिपोर्ट में कहा गया है कि वेब-आधारित सेवाओं के अलावा सभी ICCC के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और कॉल सेंटर अनिवार्य किए जाने चाहिए. यह नागरिकों के लिए शहरी स्थानीय निकायों (ULB) और ICCC के जरिए स्मार्ट सिटी मिशन के साथ विभिन्न शहरी सेवाओं का लाभ उठाने या उससे संबंधित शिकायत दर्ज करने के लिए सीधा संपर्क प्वाइट बन जाता है. ICCC के प्रबंधन में प्राइवेट प्लेयर पर उच्च निर्भरता को ध्यान में रखते हुए, स्टडी ने सिफारिश की है कि कर्मचारियों की इंटरनल कैपेसिटी बिल्डिंग और ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) पर कम निर्भरता पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

इसने कहा है कि OEM की देखरेख और प्रबंधन स्मार्ट सिटी मिशन इकाई या ULB से प्रबंधकीय कर्मचारियों द्वारा किया जाना चाहिए. इस स्टडी ने भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और अगरतला में आपदा प्रबंधन में ICCC की भूमिका की सराहना की है. विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान रोग नियंत्रण और प्रबंधन में इन केंद्रों और स्मार्ट सिटी बुनियादी ढांचे की भूमिका को नोट किया गया.