ग्रामीण बैंकों का होगा मर्जर, 43 से घटकर रह जाएंगे 28, देखें लिस्ट
केंद्र सरकार ने ग्रामीण बैंकों को मजबूत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए सरकार देश में फिलहाल मौजूद 43 बैंकों को मर्ज कर 28 बड़े बैंक बनाना चाहती है. इससे बैंकों को लागत कम करने और पूंजी बढ़ाने में मदद मिलेगी.
केंद्र सरकार लंबे समय से देश के क्षेत्रीय और ग्रामीण बैंकों को मजबूत बनाने पर काम कर रही है. इनके मर्जर को लेकर भी काफी समय से चर्चाओं का दौर जारी है. बहरहाल, वित्त मंत्रालय ने बताया है कि देश में फिलहाल मौजूदा 43 ग्रामीण बैंक को मर्जर के जरिये घटाकर 28 करने की योजना बनाई गई है. ये सभी वे बैंक हैं जिनकी स्थापना आरआरबी अधिनियम 1976 के तहत की गई है.
वित्त मंत्रालय की तरफ से रखे गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि मर्जर से इन बैंकों की पूंजी को बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा इनके ऑपरेशनल खर्च में कमी लाई जा सकती है. मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले इन बैंकों में 31 मार्च, 2024 तक कुल जमाराशि 6.6 लाख करोड़ रुपये थी.
एक राज्य-एक आरआरबी
सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक (नाबार्ड) के परामर्श से एक राज्य-एक आरआरबी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है. सरकार का मानना है कि इससे बैंकों के कारोबार के पैमाने और दक्षता को बढ़ाने के साथ ही लागत में कमी लाने में मदद मिलेगी.
रोडमैप तैयार
आरआरबी का एकीकरण 2004-05 में शुरू हुआ था. तीन चरणों के एकीकरण के बाद ग्रामीण बैंकों की संख्या 196 से घटकर 43 रह गई है. अब आगे मर्जर के जरिये एक राज्य-एक आरआरबी के लक्ष्य की दिशा में बढ़ने के लिए सरकार ने सोमवार को सभी प्रायोजक बैंकों को एक प्रस्ताव भेजा है. इसमें कहा गया है कि इन बैंकों के मर्जर की जरूरत पहले से ज्यादा हो गई है.
केंद्र की 50% हिस्सेदारी
केंद्र सरकार के पास प्रत्येक आरआरबी में 50% हिस्सेदारी है. इसके अलावा प्रायोजक बैंकों के पास 35% हिस्सेदारी है. इसके अलावा संबंधित राज्य सरकार के पास 15% हिस्सेदारी है. फिलहाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में एक से अधिक आरआरबी हैं.
इस तरह होगा मर्जर
आंध्र में चार आरआरबी हैं. इनमें केनरा बैंक की तरफ से प्रायोजित आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के तहत चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, इंडियन बैंक के तहत सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के तहत आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक शामिल हैं. इन चारों को मिलाकर केनरा बैंक के तहत लाया जाएगा. इसी तरह, पश्चिम बंगाल में तीन बैंक हैं. इन्हें इन्हें पीएनबी के तहत एक इकाई बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.