दिसंबर में मांसाहारी थाली हुई महंगी, चिकन और पोल्ट्री फीड ने बढ़ाए दाम, शाकाहारी पर राहत

शाकाहारी थाली में आलू और टमाटर जैसी सब्जियां सबसे अहम हैं, जो शाकाहारी थाली की लागत का 24 प्रतिशत हिस्सा हैं. शाकाहारी भोजन के लिए मासिक आधार पर कुछ राहत मिली है,नवंबर के मुकाबले दिसंबर में शाकाहारी थाली की कीमतों में कमी आई है.हालांकि, इस दौरान मांसाहारी थाली की कीमत मासिक आधार पर 3 प्रतिशत बढ़ी है.

शाकाहारी थाली की कीमत Image Credit: David Talukdar/Moment/Getty Images

सब्जियां हमारी थाली का अहम हिस्सा हैं, अगर इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव आता है तो इसका सीधा असर हमारी थाली पर पड़ता है. नवंबर के मुकाबले दिसंबर में शाकाहारी थाली की कीमतों में कमी आई है, लेकिन सालाना आधार पर इसमें बढ़ोतरी हुई है. वहीं मांसाहारी थाली की कीमत नवंबर के मुकाबले दिसंबर में बढ़ी है, साथ ही सालाना आधार पर भी इसमें बढ़ोतरी हुई है. शाकाहारी थाली सालाना 6 प्रतिशत बढ़कर 31.60 रुपये हो गई है, जो पिछले साल 29.70 रुपये थी.

क्रिसिल लिमिटेड ने सोमवार को बताया कि इस उछाल के पीछे सब्जियों की कीमतों में आई बढ़ोतरी है. शाकाहारी थाली में आलू और टमाटर जैसी सब्जियां सबसे अहम हैं, जो शाकाहारी थाली की लागत का 24 प्रतिशत हिस्सा हैं. इन दोनों सब्जियों की कीमतों ने इसका दाम बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. महंगाई का असर केवल शाकाहारी थाली पर ही नहीं, बल्कि मांसाहारी थाली की कीमत पर भी पड़ा है.

मांसाहारी थाली की कीमत सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 63.30 रुपये हो गई, जो एक साल पहले 56.40 रुपये थी. सब्जियों के लिए सबसे जरूरी वनस्पति तेल की कीमतें भी सालाना आधार पर 16 प्रतिशत बढ़ी हैं, जो हाई इम्पोर्ट ड्यूटी और त्यौहारों-शादियों के मौसम के दौरान मांग में बढ़ोतरी के कारण हुई है. मांसाहारी थाली की कीमत में बढ़ोतरी का कारण ब्रॉयलर चिकन है, जिसकी कीमत में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है.

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टमाटर-आलू में बढ़ोतरी

सब्जियों में आलू और टमाटर सबसे अहम हैं, लेकिन इनकी कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर में टमाटर की कीमतें सालाना आधार पर 24 प्रतिशत बढ़कर 38 रुपये से 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं. वहीं आलू की कीमतें 50 प्रतिशत बढ़कर 36 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जबकि एक साल पहले यह 24 रुपये प्रति किलोग्राम थी. आलू की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे पंजाब, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों में लेट ब्लाइट संक्रमण है, जिसके कारण पैदावार में अनुमानित 6 प्रतिशत की गिरावट हुई है.

नवंबर के मुकाबले कम हुईं कीमतें

शाकाहारी भोजन के लिए मासिक आधार पर कुछ राहत मिली है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से ताजा सप्लाई आने के कारण टमाटर की कीमतों में 12 प्रतिशत की गिरावट के कारण दिसंबर में शाकाहारी थाली की कीमत नवंबर के 32.70 रुपये से 3 प्रतिशत घटकर 31.60 रुपये रह गई है. इस दौरान आलू की कीमतों में 2 प्रतिशत की गिरावट और प्याज की कीमतों में 12 प्रतिशत की गिरावट ने मासिक आधार पर इसमें कमी में अहम भूमिका निभाई है.

हालांकि, इस दौरान मांसाहारी थाली की कीमत मासिक आधार पर 3 प्रतिशत बढ़ी है, जो नवंबर में 61.50 रुपये से दिसंबर में 63.30 रुपये हो गई. क्रिसिल ने कहा कि यह ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण हुआ है, जो उत्तर भारत में शीत लहर के बीच प्रोडक्शन में कमी, त्योहारी सीजन की बढ़ती मांग और फ़ीड की बढ़ी हुई लागत के कारण और बढ़ गया है.

थोड़ी राहत एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में मिली. दिल्ली में 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत पिछले साल दिसंबर के मुकाबले 11 प्रतिशत घटकर 803 रुपये रह गई, जो एक साल पहले 903 रुपये थी. रिटेल इनफ्लेशन नवंबर में तीन महीने के निचले स्तर 5.48 प्रतिशत पर आ गई, जो अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत थी. थाली की बढ़ती कीमतों पर घरेलू खर्च और फूड इनफ्लेशन का प्रभाव दिख रहा है, जिसकी वजह से इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.