इस साल हवाई किरायों में हुई कमी, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने संसद में दी जानकारी
2023 की तुलना में 2024 में हवाई किरायों में कमी आई है.नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में इसकी जानकारी दी.2023 की तुलना में 2024 में हवाई किरायों में कमी के पीछे सरकार द्वारा किरायों की निगरानी और आवश्यक फैसलों का योगदान है.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में बताया कि 2023 की तुलना में 2024 में हवाई किरायों में कमी आई है. विशेष रूप से त्यौहारी सीजन के दौरान कई रूटों पर हवाई टिकट की कीमतों में गिरावट देखी गई. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में हवाई टिकट की कीमतें अधिक होने की चिंताओं के बीच, उन्होंने स्पष्ट किया कि हवाई किराए सरकार के अधीन नहीं हैं. एयरलाइनों को मौजूदा नियमों का पालन करते हुए अपनी ऑपरेशनल जरूरतों के आधार पर किराए तय करने की स्वतंत्रता है.
क्या कहा मुरलीधर मोहोल ने
25 नवंबर को एक लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि सरकार आमतौर पर बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए हवाई किरायों को रेगुलेट करने से बचती है. हालांकि, सरकार सतर्क रहती है और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर हस्तक्षेप करती है.
उन्होंने कहा कि हवाई किराए बदलते रहते हैं और यह पूरी तरह मांग और आपूर्ति पर निर्भर करते हैं. सरकार का एयरलाइनों और ऑनलाइन टिकटिंग एजेंटों के साथ निरंतर संवाद बना रहता है. 2023 की तुलना में 2024 में हवाई किरायों में कमी के पीछे सरकार द्वारा किरायों की निगरानी और आवश्यक फैसलों का योगदान है.
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त्यौहारी सीजन में गिरावट
मंत्री ने कहा, “एयरलाइनों को किराए तय करते समय यात्रियों के हितों का ध्यान रखने के लिए भी जागरूक किया गया है. विशेष रूप से, त्यौहारों के मौसम में विभिन्न क्षेत्रों में हवाई किरायों में कमी देखी गई है. “उनके अनुसार, भारत में हवाई किरायों का रुझान मौसमी है. यह कई कारणों पर निर्भर करता है, जिनमें फ्यूल की कीमत, विमान की क्षमता, मौसम, छुट्टियां, त्यौहार, और लंबे वीकेंड शामिल हैं. इसके अलावा, हवाई अड्डों पर ऑपरेशनल चुनौतियों का भी किरायों पर प्रभाव पड़ता है.