2025 में शुरु होंगे ये एक्सप्रेसवे, दिल्ली से लेकर चेन्नई तक सफर होगा आसान
नए साल में भारत में सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू होने वाली हैं, जो खासतौर पर एक्सप्रेसवे और हाईवे के निर्माण पर केंद्रित होंगी. इन परियोजनाओं से सफर और तेज होगा, समय और पैसे की बचत होगी. साथ ही इस साल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, और बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स के इस साल पूरा होने की उम्मीद है.
नए साल में भारत में सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू होने वाली हैं, जो खासतौर पर एक्सप्रेसवे और हाईवे के निर्माण पर केंद्रित होंगी। इन परियोजनाओं से सफर और तेज होगा, समय और पैसे की बचत होगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, और बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स के इस साल पूरा होने की उम्मीद है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने 2025 तक देश के राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रख-रखाव की गुणवत्ता में सुधार लाने का लक्ष्य रखा है. मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के जरिए कंसेसियनारों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए एक नई रेटिंग प्रणाली शुरू की है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि हाईवे की गुणवत्ता बेहतर हो और यात्री बिना किसी परेशानी के सफर करें.
इन एक्सप्रेसवे को पूरा होने की है उम्मीद
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे.
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे.
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे
राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार और सुधार
साल 2014 से लेकर अब तक देश में 56,700 किलोमीटर से ज्यादा के नेशनल हाईवे बनाए गए हैं. साल 2013-14 से अब तक राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गई है. मंत्रालय अब इस दिशा में और सुधार लाने के लिए काम कर रहा है ताकि इन राजमार्गों की गुणवत्ता और रख-रखाव में बढ़ोतरी हो.
नई योजनाओं का लक्ष्य और दिशा
2025 तक, NHAI का उद्देश्य उच्च गति वाले राजमार्ग गलियारों का नेटवर्क बढ़ाना है, जिससे यात्रा के समय में कमी आएगी और व्यापारिक संचालन में तेजी आएगी. मंत्रालय ने गलियारा आधारित राजमार्ग अवसंरचना विकास दृष्टिकोण अपनाने का प्रस्ताव दिया है, जिससे पूरे देश में राजमार्गों के मानक और सुविधाएं बेहतर होंगी. इस दृष्टिकोण के तहत, 50,000 किलोमीटर का उच्च गति वाले राजमार्ग गलियारों का नेटवर्क 2047 तक तैयार किया जाएगा, जो देश की अर्थव्यवस्था को 30 ट्रिलियन डॉलर से अधिक तक बढ़ाने में मदद करेगा.
समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारतीय शिपिंग उद्योग के लिए 2024 को महत्वपूर्ण वर्ष बताया है. उन्होंने कहा इस साल भारत में समुद्री क्षेत्र में 80 ट्रिलियन रुपये का निवेश होने की उम्मीद है. इन निवेशों का उद्देश्य भारत के जहाज निर्माण और पंजीकरण को बढ़ावा देना है, ताकि देश का शिपिंग उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके. इसके अलावा, भारत के सबसे बड़े डीप-ड्राफ्ट मेगा बंदरगाह – वधावन बंदरगाह के निर्माण की शुरुआत, और कांडला, तूतीकोरिन, और गैलेथिया बे ट्रांसशिपमेंट हब में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत से देश में बंदरगाहों और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को नया जीवन मिलेगा.