UPI पमेंट करने वाले हो जाए सावधान, एक साल में 85 फीसदी बढ़े UPI फ्रॉड के मामले
UPI धोखाधड़ी के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2024 में UPI फ्रॉड के आंकड़े 85% तक बढ़ गए हैं, जिससे यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत है. पिछले साल 2023 में ऐसे केस की संख्या 7.25 लाख थी. अब इस साल 2024 में यह संख्या 13.42 लाख हो गई.
भारत में डिजिटल क्रांति के चलते UPI (Unified Payments Interface) ने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया है. इससे भारत को कैशलेस इकॉनमी बनने में मदद मिलेगी. हालांकि, इसके साथ ही UPI धोखाधड़ी के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2024 में UPI फ्रॉड के आंकड़े 85% तक बढ़ गए हैं, जिससे यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत है. पिछले साल 2023 में ऐसे केस की संख्या 7.25 लाख थी. अब इस साल 2024 में यह संख्या 13.42 लाख हो गई.
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UPI फ्रॉड के चौंकाने वाले आंकड़े
साल 2023 में लोगों के 573 करोड़ रुपये ठगी हुई थी, वहीं इस साल 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,087 करोड़ रुपये का हो गया. कारोबारी साल 24-25 में पहले ही 6.32 लाख UPI धोखाधड़ी के मामले दर्ज की जा चुकी हैं. इसमें कुल 485 करोड़ रुपये का भारी भड़कम अमाउंट शामिल है. देश में UPI का इस्तेमाल सबसे अधिक हो रहा है.
UPI पेमेंट में साल-दर-साल 57% का इजाफा हुआ है. साल 2023 में UPI से होने वाले ट्रांजेक्शन 8,371 करोड़ से बढ़कर 2024 में 13,113 करोड़ हो गए हैं. इस कारोबारी साल 24-25 के लिए, 8,566 करोड़ ट्रांजेक्शन पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं.
- 2023 में फ्रॉड मामलों की संख्या: 7.25 लाख
- 2024 में फ्रॉड मामलों की संख्या: 13.42 लाख
- ठगी की रकम: 2023: ₹573 करोड़, 2024: ₹1,087 करोड़
- 2023 में UPI ट्रांजेक्शन: 8,371 करोड़
- 2024 में UPI ट्रांजेक्शन: 13,113 करोड़
- चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 8,566 करोड़ ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए हैं.
सरकार की तैयारी
इस मामले पर सरकार ने कहा कि वे डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में सुधार और फ्रॉड को कम करने के कई उपायों पर काम कर रहे है. RBI ने एक सेंट्रल पेमेंट फ्रॉड सूचना रजिस्ट्री (CPFIR) लागू की है, जो एडवांस AI और मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करके धोखाधड़ी को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके अलावा RBI ने डिवाइस बाइंडिंग, टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन और रोजाना ट्रांजेक्शन लिमिट के साथ सुरक्षा को भी मजबूत करने पर काम कर रही है.
ऐसे कर सकते है शिकायत
इसके साथ ही सरकार ने यूजर्स के लिए साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) और हेल्पलाइन नंबर 1930 लॉन्च किया है. साथ ही संचार साथी पोर्टल पर ‘चक्षु’ सुविधा शुरू की है, जिससे यूजर्स धोखाधड़ी वाले केस की खुद रिपोर्ट कर सकते हैं.
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