राजधानी, शताब्दी की जगह लेगी वंदे भारत? जानें रेल मंत्री ने क्या दिया जवाब

वंदे भारत सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है. मौजूदा समय में भारत में 136 चेयर कार वाली वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं. इसी ट्रेन को लेकर संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से कई सांसदों ने सवाल जवाब किए. इसके जवाब में रेल मंत्री ने जवाब दिया, जानें उन्होंने क्या कहा.

वंदे भारत ट्रेन Image Credit: @Tv9

विश्व भर में रेल नेटवर्क के मामले में भारत तीसरे पायदान पर आता है. यानी दुनिया के बड़े रेल नेटवर्क वाली सूची में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है. रेल नेटवर्क के विस्तार के साथ भारत में ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई. इसी विस्तार का नतीजा वंदे भारत है. वंदे भारत सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है. मौजूदा समय में भारत में 136 चेयर कार वाली वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं. इसी ट्रेन को लेकर संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से कई सांसदों ने सवाल जवाब किए.

संसद में पूछे गए सवाल

लोकसभा सदस्य छोटेलाल और कल्याण बनर्जी ने रेल मंत्री से कई सवाल पूछे जिनमें से एक यह वंदे भारत के देशभर में विस्तार को लेकर था. सांसद छोटेलाल ने पूछा कि क्या सरकार भविष्य में पूरे देश में वंदे भारत ट्रेन चलाने पर विचार कर रही है. इसके साथ उन्होंने यह भी पूछा कि क्या वह राजधानी, शताब्दी या दुरंतो ट्रेनों की जगह पर वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी में है.

क्या कहा रेल मंत्री ने?

सांसद के सवालों के जवाब में रेल मंत्री ने कहा, 12 दिसंबर, 2024 तक, भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज (BG) इलेक्ट्रिफाइड नेटवर्क पर चेयर कार वाली 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू है जिन्हें मौजूदा सेवाओं को बदले बिना ही शुरू किया गया है. उन्होंने कहा, इसके अलावा, वंदे भारत सहित नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत भारतीय रेलवे के लिए एक ऑनगोइंग प्रोसेस है जो ट्रॉफिक जस्टिफिकेशन, रिसोर्सेज की उपलब्धता के आधार पर चलती रहेगी.

वंदे भारत से कितनी होती है कमाई?

ट्रेनों के जरिये होने वाली एक दूसरे सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनों के हिसाब से होने वाली इनकम का अलग से हिसाब नहीं रखा जाता है. हालांकि, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान अक्टूबर 2024 तक 100 फीसदी ऑक्यूपेंसी कवर की है. इन सवालों के अलावा संसद में बताया गया कि देश में लंबी और मध्यम दूरी की यात्राओं के लिए 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण जारी है. पहला प्रोटोटाइप बन चुका है और इसका फील्ड ट्रायल किया जाएगा.