राजस्थान में धरती उगलेगी सोना, इस देसी कंपनी को मिला लाइसेंस
कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि यह अधिग्रहण न केवल हमारे कीमती धातुओं के पोर्टफोलियो को बढ़ाता है, बल्कि हमारे शेयरधारकों और हितधारकों को दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करने की हमारी क्षमता को भी मजबूत करता है. इससे राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
वेदांता ग्रुप की कंपनी हिंदुस्तान जिंक अब सोने का खनन करेगी. इसकी जानकारी उसने खुद दी है. कंपनी ने कहा है कि राजस्थान में सोने का खनन करने के लिए लाइसेंस मिल गया है. इस लाइसेंस के मिलते ही वेदांता ग्रुप की येलो मेटल बिजनेस में एंट्री हो गई. वहीं, हिंदुस्तान जिंक ने कहा है कि उसे डुगोचा गोल्ड ब्लॉक के खनन के लिए सबसे पसंदीता बोलीदाता घोषित किया गया है. खास बात यह है कि खनन ब्लॉक के लिए यह नीलामी 13 नवंबर को आयोजित की गई थी.
हिंदुस्तान जिंक की इंटीग्रेटेड जस्ता मैन्युफैक्चरर के रूप में ग्लोबल स्तर पर अपनी एक अलग पहचान है. राजस्थान में डुगोचा गोल्ड ब्लॉक की खरीद हिंदुस्तान जिंक की मजबूत खनन क्षमता को दर्शाता है. खास बात यह है कि खनन ब्लॉक राजस्थान के सलूंबर में स्थित है और 472 हेक्टेयर में फैला हुआ है. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि यह अधिग्रहण न केवल हमारे कीमती धातुओं के पोर्टफोलियो को बढ़ाता है, बल्कि हमारे शेयरधारकों और हितधारकों को दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करने की हमारी क्षमता को भी मजबूत करता है. इससे राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे. उन्होंने रणनीतिक खनिज एक्सप्लोरेशन में कंपनी की असाधारण क्षमताओं का भी उल्लेख किया. जिसका उद्देश्य देश की उभरती जरूरतों को पूरा करने और आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए विविध खनिज संसाधनों तक पहुंचना है.
हिस्सेदारी बेचकर 3,449 करोड़ रुपये जुटाए
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में 1.6 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 3,449 करोड़ रुपये जुटाए. 6-7 नवंबर को दो दिवसीय ओएफएस के दौरान, सरकार ने शुरू में 5.28 करोड़ से अधिक शेयर, या अपनी हिस्सेदारी का 1.25 प्रतिशत बेचने का लक्ष्य रखा था, जिसमें इतनी ही राशि के अतिरिक्त सब्सक्रिप्शन को बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प था.
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3,400 करोड़ रुपये के शेयरों के लिए बोलियां लगाईं
शेयर बिक्री के पहले दिन 6 नवंबर को, संस्थागत निवेशकों ने लगभग 3,400 करोड़ रुपये के शेयरों के लिए बोलियां लगाईं, जो हिस्सेदारी का लगभग 1.58 प्रतिशत था. हालांकि, 7 नवंबर को खुदरा निवेशकों की मांग तुलनात्मक रूप से कमजोर थी. इस महीने की शुरुआत में, हिंदुस्तान जिंक को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में दो टंगस्टन और संबंधित धातु ब्लॉकों के लिए पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया था. ये रणनीतिक जीत महत्वपूर्ण और कीमती धातु क्षेत्र में कंपनी की स्थिति को बढ़ाती है. साथ ही वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन को गति देने वाली धातुओं के उत्पादन के इसके दृष्टिकोण का समर्थन करती है.
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