दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा बोले ‘Buy India’ CLSA का बिछाया जाल, चाइना से चली गई है चाल

दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा ने CLSA के Buy India नोट को भारत के रिटेल और DII के खिलाफ चली गई चाल बताया है. शर्मा का कहना है कि CLSA असल में एक ट्रोजन हॉर्स है. उसके इस नोट का असल मकसद वह नहीं, जो हमें बताया जा रहा है.

विदेशी निवेशक अगर चीनी बाजार का रुख करते हैं, तो भारतीय बाजार में गिरावट आना तय है. Image Credit: wenjin chen/DigitalVision Vectors/Getty Images

निवेशक शंकर शर्मा का दावा है कि सीएलएसए की तरफ से भारत में निवेश बढ़ाने और चीन में निवेश कम करने के संबंध में जो नोट जारी किया गया है, वह असल में एक जाल है. शर्मा का कहना है कि असल में वैश्विक ब्रोकरेज फर्म के तौर पर पहचान रखने वाली सीएलएसए एक चीनी कंपनी है. उन्होंंने सीएलएसए का स्वामित्व रखने वाली चीनी फर्म सीआईटीआईसी सिक्योरिटीज की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस नोट के पीछे की साजिस का संबंध चीन से है.

शंकर शर्मा ने क्या कहा

19 नवंबर को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में शंकर शर्मा ने सीएलएसए के Buy India नोट को लेकर दिखाए जा रहे उत्साह की आलोचना करते हुए कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि “बाय इंडिया” नोट चीनी सरकार की तरफ से अपने मुखौटे ब्रोकर (CLSA) के जरिये भारतीय खुदरा और डीआईआई को मूर्ख बनाकर फंसाने के लिए बिछाया गया जाल है. हमने इसको खूब चढ़ा दिया है. CLSA ने खुद भारतीय बाजार में बिकवाली जारी रखी है. आमतौर पर जब कोई ब्रोकर कोई सलाह देता है, तो खुद भी उस सलाह पर काम करता है. लेकिन, CLSA के मामले में ऐसा नहीं है.

से बड़ा खेल

एक यूजर के कमेंट पर जवाब देते हुए उन्होंने लिखा, चीन के स्वामित्व वाली एक ब्रोकरेज फर्म भारतीय स्टॉक्स को खरीदने की सलहा क्यों दे रही है, यह असल में बड़ा खेल है, जो ज्यादातर लोगों की समझ से परे है.

क्या है CLSA

क्रेडिट लियोनिस सिक्योरिटीज एशिया (सीएलएसए) असल में चाइना इंटरनेशनल ट्रस्ट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (सीआईटीआईसी) की सहायक फर्म है. 2013 में चीन के सीआईटीआईसी समूह की सहायक कंपनी सीआईटीआईसी सिक्योरिटीज ने 1.25 अरब डॉलर में सीएलएसए में हिस्सेदारी खरीदी. 2015 तक सीआईटीआईसी सिक्योरिटीज ने सीएलएसए का 100% कर लिया. इस तरह अब यह एक चीनी कंपनी की सहायक फर्म है.

पूरी दुनिया में फैली है सीआईटीआईसी

सीआईटीआईसी सिक्योरिटीज न केवल चीन की सबसे बड़ी सिक्योरिटी कंपनी है. इसकी 13 देशों में शाखाएं हैं. शंघाई स्टॉक एक्सचेंज और हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज दोनों में सूचीबद्ध होने वाली यह पहली कंपनी है. सीएलएसए के इस अधिग्रहण का उद्देश्य सीआईटीआईसी की वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करना था.

क्या है सीएलएसए का बाय इंडिया नोट

सीएलएसए ने पिछले सप्ताह ही भारत में अपना आवंटन बढ़ाकर 20 प्रतिशत ओवरवेट कर दिया है, जबकि एक सामरिक उलटफेर करते हुए चीन में निवेश में कटौती की है. जबकि, कुछ ही दिन पहले भारतीय बाजार को ओवरवैल्यू बताकर चीनी बाजार को ओवरवेट करते हुए वहां खरीद की सलाह दी थी.

क्या है शर्मा की जाल वाली दलील

शर्मा लगातार रिटेल निवेशकों और डीआईआई को मौजूदा बाजार की मंदी में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि इस तरह के नोट्स के जरिये भारत के रिटेल निवेशकों को मंदी भरे बाजार में खरीद के लिए उत्साहित किया जा रहा है, जबिक ये कंपनियां खुद लगातार बिकवाली कर रही हैं.