कुंभ में कब-कब भगदड़ से हुई श्रद्धालुओं की मौत, 1954 से 2025 तक कितनी गईं जानें

कुंभ मेला में पहले भी कई बार भगदड़ मचने से श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. इससे पहले भी प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक कुंभ में भगदड़ मचने से श्रद्धालु अपनी जान गवां चुके हैं. इसकी संख्या सैंकड़ों में है.

कुंभ मेला में कब-कब हुए हादसे. Image Credit: getty images

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर आयोजित विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन ‘महाकुंभ 2025’ में बुधवार तड़के 2:30 बजे मौनी अमावस्या पर अचानक भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि 60 के करीब घायल हो गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में मृतक श्रद्धालुओं के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने घटना की जांच कराने का आदेश दिया है. लेकिन आपको मालू होना चाहिए कि कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं की मौत की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बार कुंभ मेले के दौरान भगदड़ मचने से लोगों की मौत हो चुकी है.

साल 2013 में इसी प्रयागराज में संगम तट पर कुंभ मेला का आयोजन हुआ था. कुंभ मेले के दौरान 10 फरवरी 2013 को इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर एक फुटब्रिज ढह गया. इससे भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए थे. उस दिन भी मौनी अमावस्या ही थी.

ये भी पढ़ें- Sangam Nose: आखिर संगम नोज तक क्यों जाना चाहते हैं लाखों लोग, क्या है वहां खास… कैसा नजर आता है नदियों का पानी?

हरिद्वार कुंभ में 7 की मौत

साल 2010 में कुंभ मेला हरिद्वार में हो रहा था. 14 अप्रैल 2010 को कुंभ मेले में शाही स्नान के दौरान साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच झड़प हो गई. इसके बाद मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे. बीबीसी के मुताबिक, हरिद्वार कुंभ 1986 में भी भगदड़ मची थी. कहा जाता है कि आम लोगों को तट पर जाने से रोक दिया गया था. इस वजह से भगदड़ मच गई. इस घटना में करीब 50 लोगों की मौत हुई थी.

2003 के नासिक कुंभ में भी भगदड़

2003 के नासिक कुंभ में भी भगदड़ मचने से श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. कहा जाता है कि यह हादसा इतना बड़ा था कि कुंभ मेले के दौरान भगदड़ मचने से 39 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी. वहीं, इस हादसे में 100 लोग जख्मी हो गए थे.

साल 1992 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला के दौरान भी भगदड़ मची थी. इस दौरान मची भगदड़ में करीब 50 लोगों की मौत हुई थी.

1954 के कुंभ में भगदड़

साल 1954 को भी प्रयागराज में कुंभ मेला के दौरान भगदड़ मची थी. यह भगदड़ तीन फरवरी 1954 को मौनी अमावस्या के मौके मची थी. भारी संख्या में श्रद्धालुओं को संगम तट पर आए थे. कहा जाता है कि एक हाथी की वजह से भगदड़ मची थी. तब 800 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए थे.

ये भी पढ़ें- प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़, 30 लोगों की मौत, जानें- कैसे हुआ हादसा