मां-बाप की पेंशन पर किस बच्चे का होता है पहला हक, जान लें नए नियम
हाल ही में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अपने एक आदेश में कहा है कि सरकारी कर्मचारी के पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र परिवार के सदस्यों की सूची से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता है. आदेश में मंत्रालयों और विभागों से ब्याज भुगतान से बचने के लिए एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन (ईओपी) के तहत मिलने वाले सभी रिटायरमेंट बेनिफिट को जल्द से जल्द सख्ती से जारी करने को कहा गया है.
सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद फैमिली पेंशन मिलती है. इस फैमिली पेंशन पर कर्मचारी के अलावा उसके पति, पत्नी और बच्चों का हक होता है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि मां-बाप की फैमिली पेंशन पर किस बच्चे का हक सबसे पहले होता है. ऐसे में आज हम फैमिली पेंशन से जुड़े उन तमाम बिंदुओं पर बारीकी से चर्चा करेंगे. क्योंकि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने फैमिली पेंशन के नियम में कुछ बदाल किए हैं. नियम के बदले से बच्चों के अधिकार में भी कुछ बदलाव आया है.
नियमों के अनुसार, फैमिली पेंशन पर 25 साल की उम्र तक सभी बच्चों का हक होता है. लेकिन अगर कोई बच्चा विलांग है, तो उसका पेंशन पर पहला अधिकार होता है. वहीं, एक बेटी तब तक पेंशन के लिए पात्र है, जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती है. खास बात यह है कि अगर बेटी शारीरिक रूप विकलांग है और उसकी शादी हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में वह पेंशन का हकदार नहीं रहती है. यानी शादी के बाद बेटी का हक फैमिली पेंशन पर नहीं रहता है.
25 साल की उम्र के बाद भी हो सकते हैं पात्र
वहीं, कई मामलों में 25 साल से अधिक उम्र के बाद भी अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा बेटियों का हक फैमिली पेंशन में होता है. लेकिन उन्हें ये अधिकार तभी मिलता है, जब परिवार के सभी बच्चों की 25 साल से अधिक हो गई है. या सभी अपनी आजीविका के लिए खुद पर निर्भर हो गए हों.
सूची से बेटी का नाम नहीं हटेगा
दरअसल, हाल ही में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अपने एक आदेश में कहा है कि सरकारी कर्मचारी के पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र परिवार के सदस्यों की सूची से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता है. आदेश में मंत्रालयों और विभागों से ब्याज भुगतान से बचने के लिए एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन (ईओपी) के तहत मिलने वाले सभी रिटायरमेंट बेनिफिट को जल्द से जल्द सख्ती से जारी करने को कहा गया है. विभाग द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी द्वारा निर्धारित फॉर्मेट में सूचित किए जाने पर बेटी को सरकारी कर्मचारी के परिवार का सदस्य माना जाता है. इसलिए बेटी का नाम परिवार के सदस्यों की डिटेल्स में शामिल रहेगा.