SEBI की पहली महिला चेयरपर्सन से घोटाले के आरोप तक, कैसा रहा माधबी पुरी बुच का बचपन और करियर?

माधबी पुरी बुच, जिन्होंने SEBI की पहली महिला प्रमुख के रूप में इतिहास रचा, अब एक नई चुनौती का सामना कर रही हैं. ACB जांच के आदेश के बाद उनके करियर और फैसलों पर सवाल उठने लगे हैं. क्या है उनकी पूरी कहानी?

माधबी बुच की बढ़ी मुश्किलें. Image Credit: PTI Photos

Madhabi Puri Buch Profile: भारतीय शेयर बाजार की नियामक संस्था SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की पूर्व अध्यक्ष माधबी पुरी बुच अब कानूनी संकट में घिरी हुई है. मुंबई की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोर्ट ने पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह फैसला उनके खिलाफ दर्ज स्टॉक मार्केट में कथित अनियमितताओं और नियामकीय चूक के मामले में लिया है. बुच के अलावा SEBI के पांच अन्य अधिकारियों के नाम भी इस मामले में शामिल हैं.
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब माधबी पुरी बुच का SEBI प्रमुख के रूप में कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है. उनके तीन साल के कार्यकाल में कई बड़े सुधार और नियामकीय सख्ती देखी गई, लेकिन अंत में वे विवादों से घिर गईं.

कौन हैं माधबी पुरी बुच?

माधबी पुरी बुच भारत के वित्तीय बाजारों की पहली महिला चेयरपर्सन रही हैं. 1 मार्च 2022 को उन्होंने SEBI के अध्यक्ष का पदभार संभाला था. इसके साथ ही वे निजी क्षेत्र से आने वाली पहली व्यक्ति थीं, जिन्होंने SEBI का नेतृत्व किया. उनका कार्यकाल कई बड़े सुधारों और सख्त निगरानी उपायों के लिए जाना जाता है जिसमें रिटेल डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर प्रतिबंध, ब्रोकरों पर कड़ा नियंत्रण और निवेशकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम शामिल हैं.

शिक्षा और करियर सफर

1966 में मुंबई में जन्मीं माधबी पुरी बुच ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने IIM अहमदाबाद से MBA की डिग्री हासिल की. 1989 में उन्होंने ICICI बैंक में अपने करियर की शुरुआत की. यहां उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट जैसी अहम जिम्मेदारियां संभालीं. 2009 में वे ICICI Securities की पहली महिला प्रबंध निदेशक (MD) और CEO बनीं.

ICICI छोड़ने के बाद, उन्होंने शंघाई स्थित ‘New Development Bank’ में कंसल्टेंट के तौर पर काम किया और सिंगापुर में Greater Pacific Capital नामक प्राइवेट इक्विटी फर्म का नेतृत्व किया. भारत लौटने के बाद, वे Idea Cellular और NIIT Limited जैसी कंपनियों के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में रहीं.

SEBI प्रमुख के रूप में उपलब्धियां और विवाद

माधबी पुरी बुच को SEBI की सबसे सख्त और सक्रिय अध्यक्षों में से एक माना जाता है. उन्होंने वित्तीय बाजारों में पारदर्शिता लाने के लिए कई कड़े कदम उठाए. उनके कार्यकाल के दौरान ब्रोकरों और निवेश सलाहकारों पर कड़ा नियंत्रण, बाजार में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नियम और डिजिटल निगरानी के विस्तार जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.

हालांकि, उनके अंतिम महीनों में उन पर नियमों की अनदेखी और कुछ स्टॉक मार्केट गड़बड़ियों में मिलीभगत के आरोप लगे. यही कारण है कि अब ACB कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

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व्यक्तिगत जीवन और परिवार

माधबी पुरी बुच ने धवल बुच से शादी की है जो IIT दिल्ली के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और वर्तमान में Blackstone और Alvarez & Marsal में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं. धवल बुच पहले Unilever में कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं और कंपनी के चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.