OYO ने ‘भगवान’ के नाम पर ये क्या किया! भड़क उठे लोग, सोशल मीडिया पर ट्रैंड कर रहा BoycottOYO
Hospitality Sector की दिग्गज कंपनी OYO का सोशल मीडिया पर जोरदार विरोध हो रहा है. आलम यह है कि BoycottOYO तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टॉप ट्रैंडिंग टॉपिक बन गया है. जानते हैं रितेश अग्रवाल की अगुआई OYO ने ऐसा क्या किया, जिसके चलते लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
Social Media प्लेटफॉर्म, एक्स, फेसबुक और BoycottOYO ट्रैंड कर रहा है. लोग OYO के मालिक रितेश अग्रवाल से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं. असल में यह सब OYO के उस विज्ञापन की वजह से है, जो हिंदी के अखबारों में आधे पन्ने पर छपा है. सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि OYO का यह विज्ञापन उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है.
सोशल मीडिया पर OYO के इस विज्ञापन का तमाम संगठनों के साथ ही आम लोगों की तरफ से भी विरोध किया जा रहा है. असल में ओयो की छवि कपल्स के लिए सस्त कमरे उपलब्ध कराने वाली बनी हुई है. कंपनी अपनी इस छवि को बदलने का प्रयास कर रही है. अपनी छवि सुधारने के लिए कंपनी विज्ञापन पर खूब खर्च कर रही है. लेकिन, यह दांंव एक विज्ञापन की वजह से उल्टा पड़ता नजर आ रहा है.
ब्रांडिंग में बदलाव
OYO की ब्रांडिंग स्ट्रेटजी अब तक युवाओं पर फोकस्ड रही थी. अब कंपनी अपनी ब्रांडिंग एक फैमिली फ्रैंडली हॉस्पिटैलिटी चेन के तौर पर बनाना चाहती है. इसके लिए कंपनी ने कई जगहों पर क्षेत्रीय रीति-रिवाजों और मान्यताओं को सम्मान देने के नाम पर अविवाहित जोड़ों की बुकिंग लेने और उन्हें रूम्स देने से मना कर दिया है. लेकिन, यह विज्ञापन इस मेहनत पर पानी फेरता नजर आ रहा है.
विज्ञापन में क्या कहा
हिंदी-अंग्रेजी अखबारों में छपे विज्ञापन में टैगलाइन दी गई है, “भगवान हर जगह है” इसके बाद नीचे लिखा गया है “और ओयो भी” असल में कंपनी ओयो की व्यापक उपस्थिति के बारे में प्रचार करना चाहती थी. लेकिन कंपनी की भगवान के साथ तुलना कई हिंदू समूहों को पसंद नहीं आई, उन्होंने इसे इसे अपनी आस्था का अपमान बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया. यहां तक कि कई लोगों ने आयो के लोगो को भी भगवान जगन्नाथ की आंखों और ललाट से जोड़ते हुए कहा कि ओयो दबे-छिपे तरीके से हिंदुओं की भावानाओं को ठेस पहुंचा रही है.
ओयो ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर जब विरोध जोर पकड़ता दिखा, तो ओयो ने देर शाम इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि विज्ञापन का मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था, बल्कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना था. इसके साथ ही कहा कि भारत की धार्मिक विविधता और समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं का कंपनी पूरा सम्मान करती है.