‘वाह ताज बोलिए जनाब’ उस्ताद का ऐसा जादू, इस कंपनी की घर-घर फेमस हो गई चाय
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का अमेरिका में निधन हो गया. 90 के दशक में ताजमहल चाय के "वाह ताज" विज्ञापन ने उन्हें हर घर में पहचान दिलाई. इस विज्ञापन में चाय की चुस्की लेते हुए उनकी तबला जुगलबंदी के दौरान बोली गई वाह ताज ने ताजमहल चाय को आम लोगों में फेमस कर दिया था.
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं रहे. सोमवार को उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर दुनियाभर में प्रशंसक शोक व्यक्त कर रहे हैं. यूं तो जाकिर हुसैन से जुड़ी कई यादें लोगों के दिलों में हैं, लेकिन एक ऐसी भी याद है जिसने उन्हें हर भारतीय के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया. हम बात कर रहे हैं ताजमहल चाय के उस एड की, जिसने न केवल ताजमहल चाय को पहचान दिलाई, बल्कि जाकिर हुसैन को भी आम लोगों में लोकप्रिय बना दिया.
“वाह ताज” ने दिलाई नई पहचान
90 के दशक में देश में बहुत कम लोगों के पास टीवी हुआ करता था. उस दौर में ताजमहल चाय का एड इतना फेमस हुआ कि ताजमहल चाय की पहचान ही “वाह ताज” से बन गई. ताजमहल चाय, हिंदुस्तान यूनीलीवर का प्रीमियम ब्रांड था. इसे आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए जाकिर हुसैन को चुना गया. विज्ञापन में जाकिर हुसैन चाय की चुस्की लेते हुए तबले पर जुगलबंदी करते नजर आते हैं. जब लोग उनकी तारीफ में “वाह उस्ताद” कहते, तो वह जवाब देते, “अरे हुजूर, वाह ताज बोलिए” इस एक लाइन ने ताजमहल चाय को पूरे देश में मशहूर कर दिया.
प्रीमियम टैग से छुटकारा चाहती थी कंपनी
1966 में जब ताजमहल चाय भारत में लॉन्च हुआ था, तब इसका विज्ञापन जीनत आमान और मालविका तिवारी किया करती थीं. यह चाय प्रीमियम कैटेगरी में मानी जाती थी, और कंपनी इस टैग से छुटकारा पाना चाहती थी. इसलिए, वे ऐसे चेहरे की तलाश में थीं जो इसे आम लोगों के बीच लोकप्रिय बना सके.
इस वजह से एड के लिए जुड़े थे उस्ताद
कंपनी ने जो विज्ञापन आम भारतीयों के बीच पहचान बनाने के लिए किया, उसके लिए जाकिर हुसैन को चुनने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. दरअसल, इस विज्ञापन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान थॉम्पसन एसोसिएट को सौंपी गई थी, और वहां काम करने वाले कॉपीराइटर केएस चक्रवर्ती (चैक्स) को तबला बहुत पसंद था, इसलिए उन्होंने इस विज्ञापन के लिए जाकिर हुसैन को चुना. जाकिर हुसैन सिर्फ इस विज्ञापन की शूटिंग के लिए अमेरिका से भारत आए थे.
क्लासिकल म्युजिशियन से जुड़े एड
इस एड की सफलता के बाद लंबे समय तक ताजमहल चाय के विज्ञापन क्लासिकल म्युजिशियंस से ही कराए गए. जाकिर हुसैन के बाद पंडित नीलाद्रि कुमार और पंडित राहुल शर्मा जैसे कलाकारों को भी इसके विज्ञापन में शामिल किया गया.
ताज से अच्छा चाय मिला तो तबला छोड़ दूंगा
2001 में ताजमहल चाय के एक अन्य एड में जाकिर हुसैन ने कहा था, “अगर ताजमहल से अच्छा चाय मिला, तो तबला बजाना छोड़ दूंगा.” यह विज्ञापन भी खूब चर्चा में रहा और विवाद का कारण बना. उनके प्रशंसकों का कहना था कि सिर्फ एड के लिए ऐसी बात कहना सही नहीं है. हालांकि, बाद में जाकिर हुसैन ने इस पर सफाई भी दी थी.