Allianz का बजाज से टूटा रिश्ता! क्या Jio फाइनेंशियल देगा सहारा, इंश्योरेंस के लिए बनेगा जॉइंट वेंचर?
जर्मन इंश्योरेंस कंपनी Allianz SE का Bajaj के साथ दो दशक से भी ज्यादा पुराना रिश्ता टूट गया है. अब एलियांज भारत में लाईफ और जनरल इंश्योरेंस सेक्टर में फिर से प्रवेश के लिए मुकेश अंबानी की Jio फाइनेंशियल का हाथ थामने की तैयारी में है. दोनों कंपनियों का जॉइंट वेंचर भारत के इंश्योरेंस सेक्टर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.

जर्मनी की इंश्योरेंस व वित्तीय सेवा कंपनी Allianz SE भारत के बीमा बाजार में अपनी स्थिति में बड़ा रणनीतिक बदलाव करने जा रही है. एलियांज का बजाज के साथ 24 साल पुराना जॉइंट वेंचर खत्म हो गया है. BS और ET की रिपोर्ट्स के मुताबिक अब जर्मन कंपनी मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज यानी JFSL के साथ नई साझेदारी की संभावनाओं पर विचार कर रही है.
बजाज समूह के साथ साझेदारी खत्म
Allianz SE और Bajaj Finserv ने अपने दो जॉइंट वेंचर बजाज Allianz जनरल इंश्योरेंस और बजाज Allianz लाइफ इंश्योरेंस से अलग होने का फैसला किया है. Allianz SE की तरफ से इन दोनों जॉइंट वेंचर में अपनी 26% हिस्सेदारी करीब 2.8 अरब डॉलर यानी करीब 25 हजार करोड़ रुपये में बेचने का फैसला लिया है. यह सौदा कई चरणों में पूरा होने की संभावना है. Allianz SE के जॉइंट वेंचर से बाहर होने के बाद बजाज समूह दोनों कंपनियों में 100% हिस्सेदारी का मालिक बन जाएगा.
Allianz SE और JFSL की संभावित साझेदारी
Baja Group से अलग होने के बाद Allianz SE अब भारतीय बीमा बाजार में अपनी मौजूदगी में रणनीतिक बदलाव करने के लिए मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ जॉइंट वेंचर की संभावनाओं की तलाश कर रही है. दोनों कंपनियों के बीच इसे लेकर पिछले कई महीने से बातचीत चल रही है. पिछले साल अक्टूबर भी यह जानकारी सामने आई थी कि Allianz अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर बजाज समूह के साथ बनाए गए जॉइंट वेंचर्स से बाहर निकलने पर विचार कर रही है.
क्या है Allianz SE की योजना?
Allianz SE की योजना है कि वह एक नया जॉइंट वेंचर शुरू करे. लाइफ और जनरल इंश्योरेंस के लिए बनने वाले इन जॉइंट वेंचर में एलियांज कम से कम 50% हिस्सेदारी रखना चाहती है. इसके साथ ही कंपनी के प्रबंधन और संचालन में भी अहम भूमिका चाहती है. यह साझेदारी जियो फाइनेंशियल की बीमा क्षेत्र में विस्तार की योजनाओं के साथ मेल खाती है, जो फिलहाल एक पूरी तरह से नई कंपनी है और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये लाइफ, हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस प्रोडक्ट मुहैया कराने की तैयारी में है.
नियामकीय अनुमोदन
इस साझेदारी की औपचारिक घोषणा फिलहाल नहीं हुई है. जॉइंट वेंचर को फिलहाल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) से मंजूरी मिलना जरूरी है. इस मंजूरी के बाद ही जॉइंट वेंचर आगे बढ़ पाएगा. इसके लिए Allianz को पहले अपने मौजूदा जॉइंट वेंचर्स से प्रमोटर की भूमिका से हटना होगा.
जियो फाइनेंशियल मौजूदा स्थिति
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज फिलहाल एक इंश्योरेंस ब्रोकरेज फर्म के तौर पर काम करती है. यह ऑटो, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस की 54 स्कीम ग्राहकों को मुहैया कराती है. कंपनी अब संस्थागत बीमा प्लेटफॉर्म के तौर पर विस्तार करना चाह रही है, जिसमें टर्म लाइफ, मेडिक्लेम, पर्सनल एक्सिडेंट और कमर्शियल इंश्योरेंस सेवाएं भी शामिल होंगी.
क्या हैं Allianz की भावी योजनाएं
जर्मन कंपनी 24 साल से भारतीय बाजार में है. एलियांज ने भारत के बाजार को विकसित होते देखा है और यहां भविष्य में होने वाले विकास को लेकर स्पष्ट है. यही वजह है कि Allianz ने बजाज के साथ साझेदारी खत्म होने के बावजूद देश में नए अवसरों की खोज जारी रखी है. कंपनी यहां अब केवल एक निवेशक की भूमिका में नहीं रहना चाहती है, बल्कि एक एक्टिव ऑपरेटर के तौर पर भारतीय बीमा बाजार में अपनी भागीदारी चाहती है.
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