EV इंश्योरेंस की बढ़ रही डिमांड, तीन साल में 16 गुना बढ़ी, शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रिक वाहन
भारत में Electric Vehicle Insurance की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. पिछले तीन साल में EV इंश्योरेंस की मांग 16 गुना तक बढ़ गई है. PolicyBazaar के आंकड़ों से पता चलता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बीमा पॉलिसियों में 0.50% से 14% तक का विस्तार हुआ है. खासतौर पर मेट्रो शहरों में इलेक्ट्रिक व्हीकल तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे EV से जुड़े कॉम्प्रेहेंसिव और ऐड-ऑन पैकेज की मांग बढ़ रही है.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों को लोग तेजी से अपना रहे हैं इसकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बीमा की मांग में भी तेजी से उछाल आया है. पॉलिसीबाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में EV इंश्योरेंस में 16 गुना तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है. वाहनों की कुल बीमा पॉलिसियों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बीमा पॉलिसियों की हिस्सेदारी 3 साल में में 0.50% से 14% तक बढ़ गई है. ईवी के लिए बीमा पॉलिसियों की मांग में हुई बढ़ोतरी ईवी को लेकर बढ़ती जागरूकता को दर्शाती है.
ईवी कार बीमा में वृद्धि
FY23 में कुल वाहन बीमा पॉलिसियों में EV लिए बीमा पॉलिसियों की हिस्सेदारी सिर्फ 0.50% थी. FY24 में यह हिस्सा बढ़कर 3.50% हो गया. इसके बाद FY25 में दिसंबर 2024 तक यह 8.2% तक पहुंच गया. वहीं, अब मार्च 2025 में यह हिस्सेदारी 14% के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
EV टू व्हीलर बीमा में वृद्धि
EV टू व्हीलर की बीमा पॉलिसियों में भी तेजी से वृद्धि देखी गई है. पांच वर्ष से कम पुराने सभी इंश्योर्ड टू व्हीलर में 7 से 8% बीमा की बुकिंग ईवी टू व्हीलर के लिए की गई थी. यह प्रतिशत पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से भी अधिक है, जहां पॉलिसियों की संख्या 10,000 से बढ़कर इस वर्ष 20,000 हो गई है है. इस तरह टू व्हीलर इंश्योरेंस बाजार में इलेक्ट्रिक टूव्हीलर का पलड़ा भारी है.
शहरी क्षेत्रों में बढ़ी मांग
ईवी बीमा की मांग सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्रों से उभरकर सामने आ रही है. देशभर में हुई कुल EV बीमा पॉलिसियों में 55 फीसदी सिर्फ शीर्ष पांच मेट्रो शहर—दिल्ली-एनसीआर, बंगलुरु, पुणे, चेन्नई, और मुंबई-ठाणे में दर्ज हुई हैं. खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर की हिस्सेदारी 18.3% है, इसके बाद बंगलुरू की 16%, पुणे की 7.6%, चेन्नई की 6.7% और मुंबई-ठाणे की 6.4% हिस्सेदारी है.
ऐड-ऑन की बढ़ती मांग
EV मालिक कॉम्प्रेहेंसिव बीमा के साथ ही ऐड-ऑन पर भी ध्यान दे रहे हैं. ईवी कार मालिकों के बीच खासतौर पर जीरो डेप्रिसिएशन, रोड साइड असिस्टेंस, बैटरी कवर, की और लॉक रिप्लेसमेंट, कंज्यूमेबल कवर, इनवॉइस प्राइस प्रोटेक्शन, और टायर प्रोटेक्शन जैसे ऐड-ऑन लोकप्रिय हैं. वहीं, टू व्हीलर ईवी मालिकों के बीच बैटरी प्रोटेक्टर, चार्जर कवर, जीरो डेप्रिसिएशन और रोड साइड असिस्टेंस जैसे ऐड-ऑन पसंद किए जा रहे हैं.
किन वजहों से ले रहे क्लेम
टू व्हीलर सेगमेंट में इंटरनल कंबशन इंजन यानी ICE वाहनों की तुलना में क्लेम की दर अधिक हैं. इसके पीछे बैटरी चोरी बड़ा कारण है. ईवी टूव्हीलर में बैटरी की लागत कुल कीमत का करीब 50-60% होती है. इसके अलावा ईवी टू व्हीलर में आगे लगने की घटनाएं भी ज्यादा होती हैं.
विकसित हो रहा EV बाजार
पॉलिसीबाजार में जनरल इंश्योरेंस के सीबीओ अमित छाबड़ा का कहना है कि ईवी इंश्योरेंस को तेजी से अपनाना भारत के स्थायी गतिशीलता की ओर बदलाव का संकेत है. केवल तीन साल में ईवी इंश्योरेंस की हिस्सेदारी लगभग 16 गुना बढ़ने के साथ, उपभोक्ता न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे हैं, बल्कि सुरक्षा की आवश्यकता को भी पहचान रहे हैं. जैसे-जैसे बाजार विकसित होता है, बीमाकर्ता जोखिमों को दूर करने के लिए लगातार इनोवेशन कर रहे हैं, जिससे ईवी अपनाने की प्रक्रिया मजबूत बीमा सुरक्षा के साथ आगे बढ़ रही है.