EPFO मेंबर्स को अब मिलेगा 7 लाख रुपए तक का बीमा, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

सरकार ने EDLI स्‍कीम की डेडलाइन को बढ़ा दिया है, अब अगले आदेश तक ईपीएफओ सदस्‍य इसका लाभ ले पाएंगे. बता दें इस योजना में EPFO सदस्‍य के न रहने पर उसके परिवार को आर्थिक मदद दी जाती है.

सरकार ने बढ़ाई ईडीएलआई योजना की डेडलाइन Image Credit: freepik/gettyimages

त्‍योहारी सीजन के दौरान केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO मेंबर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने सभी ईपीएफओ मेंबर्स और उनके परिवार के सदस्यों को मिलने वाले कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना की डेडलाइन को बढ़ा दिया है, ऐसे में कर्मचारियों को ज्‍यादा वक्‍त तक इस बीमा योजना का लाभ‍ मिल सकेगा. सरकार का कहना है कि अगले आदेश तक यह लाभ मिलता रहेगा. यह निर्णय ईपीएफओ के सदस्यों की सुरक्षा और उनके परिवार की वित्‍तीय मदद के लिए लिया गया है.

बढ़ाई गई थी लाभ की सीमा

ईडीएलआई योजना की शुरुआत 1976 में हुई थी. इसका उद्देश्‍य ईपीएफओ सदस्यों को बीमा लाभ प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना था कि सदस्य की मृत्यु के मामले में सदस्यों के परिवारों को किसी तरह की आर्थिक परेशानी न हो. सरकार ने ईडीएलआई योजना के तहत न्यूनतम और अधिकतम लाभ की सीमा भी बढ़ाई थी. इसके तहत 2021 में इसे 1.5 से 6 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 2.5 से 7 लाख रुपये कर दिया गया था. इसके अलावा ये लाभ तीन साल की अवधि के लिए वैध थे, जो 27 अप्रैल, 2024 को खत्‍म हो गए.

गिग वर्कर्स के लिए भी लाएंगे योजना

इस बीच, श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने गिग और प्लेटफॉर्म क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना को लागू करने के लिए हितधारकों से मुलाकात की. उन्‍होंने कहा कि गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और कल्याण लाभ प्रदान करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इसकी रूपरेखा को तय करेगी. उन्‍होंने गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए मजबूत और व्यापक तंत्र विकसित करने के लिए प्लेटफॉर्म श्रमिक संघों से सीधे इनपुट शामिल करने पर भी जोर दिया.

क्‍या है EDLI योजना?

EDLI का पूरा नाम कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना है. यह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से दिया जाने वाला बीमा कवर है. इस योजना में EPFO ​​के एक्टिव मेंबर्स अपने अकाउंट में नॉमिनी बनाते हैं. सेवा अवधि के दौरान सदस्य की मृत्यु होने पर कानूनी उत्तराधिकारी व परिवार को 7 लाख रुपये तक का एकमुश्त भुगतान मिलता है.