भारी बारिश-बाढ़ या किसी तूफान में घर या गाड़ी को होता है नुकसान तो इस बीमा से होगी घाटे की वसूली

क्या भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या किसी भी प्राकृतिक आपदा में मेरे सामान जैसे घर या गाड़ी को नुकसान पहुंचता है तो कौन सा बीमा सही रहेगी... इसी सवाल का मिलेगा जवाब.

भारी बारिश-बाढ़ या किसी तूफान में घर या गाड़ी को होता है नुकसान तो इस बीमा से होगी घाटे की वसूली Image Credit: PTI

भारत में बाढ़ आना इतना आम है कि देश की राजधानी से सटे गुरुग्राम का हाल भी हम देख चुके हैं जो इस बार बाढ़ की चपेट में आया था. इसके अलावा भारी बारिश या कोई और प्राकृतिक आपदा अगर आपके घर, गाड़ी का नुकसान पहुंचाते हैं तो आपका बीमा आपकी मदद कर सकता है.

भारत में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ती जा रही है, शहर हो या गांव सभी इसका शिकार हैं. इन सबके अलावा कई बार चक्रवाती तूफान आकर आपके घर या गाड़ी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. लेकिन अगर आप कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं तो आपके नुकसान की भरपाई हो जाएगी.

यही नहीं आप तब भी क्लेम कर सकते हैं जब आपकी गाड़ी बाढ़ में बह जाए या किसी और आपदा से उसको नुकसान पहुंचे. बीमा से आपको गाड़ी की रिपेयरिंग का खर्चा मिल जाएगा. मान लीजिए बाढ़ में आपकी कार बह गई और अब नहीं मिल रही तो भी आपको क्लेम मिलेगा.

बीमा लेते वक्त आप एड ऑन्स का खास ध्यान रखें. जैसे इंजर और गेयरबॉक्स के लिए कवरेज, रोडसाइड असिस्टेंस कवर, जीरो डेप्रसिएशन कवर और भी तरह के एड ऑन्स की जानकारियां लें.

घर को लेकर भी मिलता है बीमा

प्राकृतिक आपदा कई बार आपके घर को भी नुकसान पहुंचाती है वो घर जिसमें आप जिंदगीभर की कमाई लगा देते हैं. ऐसे इंश्योरेंस भी मिलते हैं जो बाढ़ या किसी भी प्रकृतिक आपदा में नुकसान पहुंचे घर की मरम्मत के लिए पैसा देते हैं.

सरकार क्या कर रही है?

बिजनेस टुडे के अनुसार हाल में प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने चिंता जाहिर की थी और कहा कि हाशिए पर खड़े समुदायों को ऐसे इंश्योरेंस प्लान देने की जरूरत है जो उन्हें तत्काल मदद कर सकें. उन्होंने इसके लिए पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप के तहत इंश्योरेंस प्लान बनाने पर जोर डाला.

उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब 2010 में तमिलनाडु में नीलम तूफान आया था तब इंश्योरेंस इंडस्ट्री और वित्त मंत्रालय ने प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के एक ऐसा फंड बनाया जिसने जरूरतमंदों की मदद की.