शराब से खराब हो गया लिवर तो क्या मिलेगा बीमा क्लेम, फैटी लिवर वाले भी जान लें नियम
फैटी लिवर, लिवर डैमेज, शराब पीने वाले, इन सबके मन में बीमा यानी इंश्योरेंस को लेकर कई सवाल होते हैं. शराब पीने वाले को बीमा मिलता है या नहीं, प्रीमियम पर क्या असर पड़ता है? इंश्योरेंस क्लेम पर क्या असर पड़ता है? इन सभी सवालों के सही-सही जवाब यहां मिलेंगे.
अगर आप शराब पीते हैं, ज्यादा, कम या कभी-कभी और फैटी लिवर या लिवर डैमेज को लेकर आपको कोई शिकायत है तो आपको इससे जुड़े इंश्योरेंस की हर एक बात आपको पता होनी चाहिए. एक तो आजकल सेहतमंद रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है. लोग काम में इतने व्यस्त हो गए हैं कि वे अपनी हेल्थ पर ध्यान ही नहीं दे पाते, जिससे उनकी सेहत बिगड़ रही है. खासकर लिवर से जुड़ी बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे समय में आर्थिक मदद लेने के लिए सही हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है.
क्या हेल्थ इंश्योरेंस लिवर डिजीज को कवर करता है?
हेल्थ इंश्योरेंस मेडिकल इमरजेंसी में सबसे बड़ा सहारा बनता है. क्रिटिकल इलनेस कवर के तहत लिवर डिजीज का खर्च उठाया जाता है. यहां खासकर फैटी लिवर के बारे में आपको बता रहे हैं. फैटी लिवर एक सामान्य समस्या बन गई है. इसमें 5 फीसदी से ज्यादा फैट लिवर पर जमने लगता है, जिससे लिवर के फंक्शन पर असर पड़ता है. अगर इसे समय पर इलाज न मिले, तो लिवर फेल होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में हेल्थ इंश्योरेंस के हेड सिद्धार्थ सिंघल ने मनी9लाइव को बताया कि, “फैटी लिवर को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत कवर किया जाता है. आमतौर पर ग्रेड-1 फैटी लिवर को सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी द्वारा कवरेज प्राप्त होता है, हालांकि कई इंश्योरेंस कंपनियां ग्रेड-2 फैटी लिवर के लिए भी कवरेज देती हैं.”
जैसे कैंसर में अलग-अलग स्टेज होती है वैसे ही फैटी लिवर में तीन अलग-अलग ग्रेड होती है. लिवर को लेकर सही समय पर टेस्ट करवाएं ताकि ग्रेड 1 में ही पता लग सके और इंश्योरेंस के तहत इलाज हो जाए.
शराब पीने वालों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस
बहुत से लोग मानते हैं कि अगर वे शराब पीते हैं तो उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस नहीं मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं है. कईयों का यह भी मानना है कि लिवर डैमेज या फेल होने पर भी बीमा नहीं मिलता. मनी9लाइव को सिद्धार्थ सिंघल ने बताया कि “अगर कोई व्यक्ति शराब का सेवन करता है, तो पॉलिसी खरीदते समय इसकी जानकारी बीमाकर्ता (कंपनी) को देना जरूरी है. अगर यह जानकारी पहले से दी गई है, तो बीमाधारक को कवरेज मिलेगा, और लीवर के इलाज का खर्च इंश्योरेंस कंपनी कवर करेगी.”
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क्या शराब पीने से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम पर असर पड़ता है?
इंश्योरेंस देखो की वेबसाइट के अनुसार, अगर अस्पताल में भर्ती होने से पहले शराब पी थी, तो हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम खारिज नहीं किया जाएगा. अगर शराब की लत के कारण कोई बीमारी या चोट होती है, तो वह क्लेम पॉलिसी के तहत कवर नहीं होगा.
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी शराब का असर पड़ता है, जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम ज्यादा देना पड़ता है. अच्छी लाइफस्टाइल अपनाने वालों को बीमा कंपनियां कम प्रीमियम चार्ज करती हैं. शराब पीने से बीमा कंपनियों पर वित्तीय जोखिम बढ़ता है, इसलिए वे ज्यादा प्रीमियम मांगते हैं. अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पर प्रीमियम बचाना चाहते हैं, तो अच्छी लाइफस्टाइल अपनाएं.