इंश्योरेंस होगा सस्ता! GST में राहत देने की तैयारी में सरकार, बस इस बात का है इंतजार

जल्द ही आम लोगों को सरकार की तरफ से सस्ते इंश्योरेंस का तोहफा मिल सकता है. सरकार लंबे समय से इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST में कटौती पर चर्चा कर रही है. GST काउंसिल के मंत्री समूह यानी GOM की बैठक में लंबे समय से इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है.

लाइफ इंश्योरेंस Image Credit: getty images

Goods and Service Tax यानी जीएसटी काउंसिल का मंत्री समूह पिछले कई महीनों से इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में कमी पर चर्चा कर रहा है. माना जा रहा है कि यह बातचीत अब अंतिम चरण में है. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बीमा नियामक IRDAI ने भी इस संबंध में अपनी राय दी है. भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण यानी IRDAI ने जीएसटी के मंत्री समूह से बात की है. यह बातचीत लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर लगने वाले GST पर राहत देने से जुड़ी है.

अप्रैल में होनी है बैठक

इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में राहत के मुद्दे पर GOM की IRDAI के साथ चर्चा के बाद अब माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल का मंत्री समूह इस मसले पर जल्द अंतिम नतीजों तक पहुंच सकता है. इस मसले पर अप्रैल में मंत्री समूह की एक बैठक होने की संभावना है, जिसमें GOM की तरफ से इस मुद्दे पर GST परिषद के लिए अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया जा सकता है.

राहत मिलने की पूरी संभावना

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि IRDAI ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी में राहत देने के मसले पर अपनी राय रख दी है. बीमा नियामक मोटे तौर पर इस विचार से सहमतह है. ऐसे में जीओएम की तरफ से अप्रैल में होने वाली अपनी बैठक बीमा पर जीएसटी में राहत को लेकर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया जा सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी में राहत दे सकती है. अगर ऐसा होता है, तो आम लोगों के लिए बीमा खरीदना सस्ता हो जाएगा.

अब तक कहां अटका था मामला?

बीमा क्षेत्र को जीएसटी में राहत देने पर ज्यादातर राज्य सहमत थे, लेकिन कुछ राज्यों ने इस मसले पर आपत्ति जताई थी. हालांकि, बाद में जब ज्यादातर राज्य सहमत हो गए, तो लंबे समय तक इस वजह से कोई फैसला नहीं किया गया, क्योंकि इस आईआरडीएआई ने इस मसले पर कोई राय नहीं दी थी. बहरहाल, यह मामला अब यहां से आगे बढ़ चुका है.

अभी लग रहा कितना टैक्स

फिलहाल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. वहीं, लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी से छूट देने के प्रस्ताव का विरोध किया है, उनका तर्क है कि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) कम हो जाएगा और पॉलिसीधारकों के लिए लागत बढ़ जाएगी.

कितना घट सकता है जीएसटी

GOM ने पहले वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम को जीएसटी से पूरी तरह छूट देने की सिफारिश की है, इसके साथ ही 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी करने की सिफारिश की है. फिलहाल, इस मामले पर GOM की तरफ से अंतिम सिफारिशें पेश किए जाने के बाद आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल को करना होगा.

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