साइबर हमले से हुए नुकसान की भरपाई करेगा ये कवर, बचाएगा करोड़ों
Starbucks को एक रैनसमवेयर हमले की वजह से इंटरनल मैनेजमेंट से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस हमले से निपटने पर जो खर्च करना पड़ रहा है, उसके अलावा ऑपरेशनल समस्याओं की वजह से कारोबार में भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बिजनेस छोटा हो या बड़ा साइबर हमलों से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए ये कवर जरूरी है, जो करोड़ों रुपये बचा सकता है.
21 नवंबर को स्टारबक्स पर एक साइबर हमला हुआ. इस हमले में एक रैनसमवेयर का इस्तेमाल किया गया. रैनसमवेयर किसी यूजर को उसके ही प्रोग्राम, फाइल या सिस्टम तक पहुंचने से रोक देता है. वापस अपनी फाइल्स, प्रोग्राम या सिस्टम का एक्सेस हासिल करने के लिए रकम चुकानी पड़ती है. इसे एक तरह से डिजिटल किडनैपिंग कहा जा सकता है. यहां अक्सर फिरौती देने के बाद ही आपका जरूरी डाटा या सिस्टम का एक्सेस वापस मिल पाता है.
स्टारबक्स के साथ क्या हुआ
21 नवंबर को स्टारबक्स के इंटरनल मैनेजमेंट को संभालने वाले सॉफ्टवेयर पर रैनसमवेयर हमला हुआ. इसके बाद स्टारबक्स की पेरोल, अटेंडेंस और शेड्यूल से जुड़ी सभी सेवाएं बंद हो गईं. कंपनी फिलहाल कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए मैनुअल रजिस्टर का इस्तेमाल कर रही है. यह हमला असल में ब्लू यॉन्डर पर हुआ, जिसके रिपल इफेक्ट के तौर पर स्टारबक्स और कई अन्य कंपनियों पर असर पड़ रहा है.
क्या है ब्लू यॉन्डर
ब्लू यॉन्डर एक सॉफ्टवेयर सॉल्युशन बनाने वाली कंपनी है. यह स्टारबक्स जैसी कंपनियों के लिए इंटरनल मैनेजमेंट और सप्लाई चेन मैनेजमेंट से जुड़े सॉफ्टवेयर मुहैया कराती है. ब्लू यॉन्डर पर रैनसमवेयर हमले की वजह से स्टारबक्स के इंटरनल ऑपरेशन में बाधा आ रही है. कंपनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ब्लू यॉन्डर पर हुए हमले की वजह से हमारे कर्मचारी शेड्यूल और पेरोल के प्रबंधन में दिक्कतें आ रही हैं.
नुकसान से कैसे मिलेगी निजात
पॉलिसी बाजार की साइबर इंश्योरेंस प्रमुख ईवा साइवाल कहती हैं, ऐसे हमलों का व्यापक असर होता है. कंपनी और उसके यूजर्स का डाटा चोरी हो जाता है. बिजनेस ऑपरेशन में दिक्कतें आने से वित्तीय नुकसान होता है. इसके अलावा कई बार रैनसम देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है. इस तरह के हमलों से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए इंश्योरेंस बेहद जरूरी है.
क्यों जरूरी है साइबर इंश्योरेंस
साइवाल बताती हैं कि 2023 में पूरी दुनिया में रैनसमवेयर हमलों से निपटने की औसत लागत करीब 18.2 लाख डॉलर रही. इसके अलावा हमलों का सामना करने वाली 84 फीसदी कंपनियों ने बताया कि हमलों की वजह से उनके कारोबार को नुकसान पहुंचा है. इस तरह के जोखिम से बचने के लिए साइबर इंश्योरेंस बेहद जरूरी है.
साइबर इंश्योरेंस से क्या मिलेगा
साइवाल ने ऐसे जोखिमों को कम करने के लिए साइबर इंश्योरेंस के महत्व पर जोर देते हुए कहा, साइबर इंश्योरेंस रैनसमवेयर भुगतान, थर्ड पार्टी लायबिलिटी प्रोटेक्शन और व्यवसाय व्यवधान कवरेज सहित व्यापक कवरेज देता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हमले से हुए वित्तीय नुकसान का बोझ कंपनी पर नहीं पड़ता है.
दिन-ब-दिन बढ़ रहे साइबर हमले
ब्लू यॉन्डर पर रैनसमवेयर हमले ने स्टारबक्स जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनी के संचालन को बाधित कर दिया है. यह पहली बार नहीं है, जब साइबर हमलों का असर एक साथ कई देशों में पड़ा है. ये घटनाएं बताती हैं कि हमारे कारोबार अब देशों की सीमाओं से परे आपस में गहराई से जुड़ गए हैं. जब ऐसे हमले होते हैं, तो कोई एक कंपनी निशाना नहीं बनती है. बल्कि इसका एक चेन रिएक्शन भी होता है.