आपको भी है डायबिटिज तो जान लें कैसे होता है हेल्थ इंश्योरेंस अपग्रेड

World Diabetes Day: डायबिटिज किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है, यह युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी को समान रूप से प्रभावित करती है. इसे देखते हुए, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है.

आपको भी है डायबिटिज तो जान लें कैसे होता है हेल्थ इंश्योरेंस अपग्रेड Image Credit: Getty Images Creative

सिद्धार्थ सिंघल: भारत को अक्सर विश्व की डायबिटिज कैपिटल के रूप में जाना जाता है. इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन का कहना है कि भारत में 77 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. वास्तव में, अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो यह संख्या 2045 तक आसानी से 134 मिलियन तक पहुंच सकती है. डायबिटिज किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है, यह युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी को समान रूप से प्रभावित करती है. हाल ही में हुए अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि 40 साल से कम उम्र के लोगों में यह बीमारी विकसित हो रही है. इसे देखते हुए, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है.

अच्छी बात यह है कि जब डायबिटिज से पीड़ित लोगों को कवर करने की बात आती है तो इंश्योरेंस इंडस्ट्री अब अधिक समावेशी हो गई है यानी अधिक लोगों यह अफोर्डेबल है और लगातार नई योजनाओं को पेश कर रही हैं. अब डायबिटिज सहित पहले से मौजूद बीमारियों के लिए पहले दिन से कवरेज उपलब्ध है. इसके अलावा, उपभोक्ताओं को अपनी पॉलिसी और सुविधाओं पर ज्यादा नियंत्रण मिल रहा है, यानी वे यह चुन सकते हैं कि वे किस सुविधा के लिए पेमेंट करना चाहते हैं और किसके लिए नहीं. यहां हेल्थ इंश्योरेंस की भूमिका के बारे में बताया गया है, खासकर उन लोगों के लिए जो डायबिटीज से पीड़ित हैं या जिन्हें इसके होने का खतरा है, साथ ही यह भी बताया गया है कि वे कैसे पूरी कवरेज और बेहतर वित्तीय सुरक्षा ले सकते हैं.

डायबिटिज का पता चलने के बाद क्या करें?

इन दिनों, ज्यादातक योजनाएं पीईडी या पहले से मौजूद बीमारियों के लिए पहले दिन के कवरेज के साथ आती हैं. हालांकि, अगर आपके पास कोई मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है जो डायबिटिज को कवर नहीं करती है, तो आपको पॉलिसी रिन्युअल तक इंतजार करना होगा. रिन्युअल के समय, आप या तो अपनी पॉलिसी में जरूरी राइडर्स जोड़ सकते हैं या अपनी पॉलिसी को किसी अलग इंश्योरेंस प्रोवाइडर के पास पोर्ट कर सकते हैं.

अक्सर लोग यह समझते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत केवल तब होती है जब डायबिटिज जैसी बीमारी से आप ग्रसित हो या ऐसी बीमारी का पता चल जाए. लेकिन सच तो यह है कि जब आप स्वस्थ होते हैं, तभी इंश्योरेंस लेना ज्यादा किफायती और आसान होता है. जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी नहीं है, उनके लिए प्रीमियम कम होता है और पॉलिसी जल्दी मिल जाती है. फिर भी, पॉलिसी के रिन्युअल के समय, आप एक ऐसी पॉलिसी चुन सकते हैं जो पहले दिन से पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करती है. इसका तकनीकी रूप से मतलब है कि स्टैंडर्ड 3-4 साल का वैटिंग पीरियड इस मामले में घटकर सिर्फ 30 दिन रह जाएगा, जिसके बाद आपका कवरेज शुरू हो जाएगा. आजकल, कई इंश्योरेंस कंपनियां अपनी शर्तों के अनुसार टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटिज दोनों को कवर करती हैं.

जरूरी इंश्योरेंस राइडर

पीईडी वेवर

डायबिटिज से पीड़ित किसी व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण राइडर्स में से एक है पीईडी वेवर राइडर. आमतौर पर, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में पहले से मौजूद बीमारियों, जैसे डायबिटिज के लिए, दो से चार साल का वेटिंग पीरियड होता है. इसका मतलब है कि इस दौरान इंश्योरेंस कंपनी इन बीमारियों से जुड़े क्लेम को कवर नहीं करती. लेकिन अगर आप पीईडी वेवर राइडर चुनते हैं, तो यह वेटिंग पीरियड कम हो सकता है या कुछ पॉलिसियों में पूरी तरह से हट भी सकता है.

ओपीडी कवरेज

डायबिटिज के इलाज के लिए अक्सर डॉक्टर के पास जाना, समय-समय पर टेस्ट कराना और रेगुलर दवाएं लेने की जरूरत होती हैं. ये सभी खर्च ओपीडी के अंतर्गत आते हैं और यह इलाज के खर्च में तेजी से वृद्धि कर सकते हैं. पारंपरिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आम तौर पर केवल अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करती हैं, जिससे पॉलिसीधारकों को ओपीडी खर्चों का भुगतान अपनी जेब से करना पड़ता है. ऐसी पॉलिसी चुनकर जिसमें ओपीडी कवरेज शामिल हो या रिनुअल पर ओपीडी राइडर जोड़कर, पॉलिसीधारक ओपीडी देखभाल से जुड़े खर्चों को काफी कम कर सकते हैं.

डायबिटिज की रोकथाम और देखभाल

कई इंश्योरेंस कंपनियां अब ऐसी सेवाओं का एक पैकेज दे रही हैं जो उपभोक्ताओं को उनकी बीमारी को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद करती हैं. इसमें डायबिटीज रिवर्सल या वेलनेस प्रोग्राम शामिल हैं, जो सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत के रूप में काम करते हैं. कई आधुनिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में प्रिवेंटिव केयर एक अहम फीचर बन गया है. डायबिटिज के रोगियों के लिए, बल्ड शुगर की नियमित जांच और साल में एक बार हेल्थ चेक-अप कराना जरूरी है जिससे वह डायबिटीज की वजह से होने वाली मुश्किलों को रोक सकें. एनुअल चेक-अप या कॉम्प्रिहेंसिव प्रिवेंटिव केयर देने वाली इंश्योरेंस पॉलिसी डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प हैं.

क्रिटिकल इलनेस राइडर

यह देखते हुए कि डायबिटिज से हृदय रोग, किडनी फेलियर या स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, एक क्रिटिकल इलनेस राइडर पर विचार करना फायेदमंद है. अगर आपको पॉलिसी में सूचीबद्ध किसी भी गंभीर स्थिति का पता चलता है तो यह ऐड-ऑन एकमुश्त पेमेंट प्रदान करता है, जिससे आपकों जरूरत के समय वित्तीय सहायत मिल सके.

ध्यान में रखें ये जरूरी बातें

सही पॉलिसी के साथ, आप डायबिटिज के लिए पर्याप्त कवरेज प्राप्त कर सकते हैं. पॉलिसी की शर्तों और फायदों को अच्छे से समझने के लिए कवरेज की ऑनलाइन तुलना करना न भूलें. साथ ही यह सुनिश्चित करें कि आपको अपने बीमाकर्ता से उन सभी चीजों के बारे में पूरी जानकारी मिलती हो, जो पॉलिसी में कवर नहीं की गई है.

लेखक सिद्धार्थ सिंघल पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रमुख हैं, यहां व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.