TATA SONS AGM : निवेशकों के फायदे को लेकर टाटा समूह और शापूरजी पलोनजी में फिर उभरे मतभेद
शापूरजी पलोनजी ने टाटा संस का आईपीओ लाने की मांग करते हुए कहा कि कंपनी को विस्तार करने के लिए आईपीओ लाने से संकोच नहीं करना चाहिए. टाटा संस की तरफ से लगातार आईपीओ से बचने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में पलोनजी की यह मांग दोनों समूहों के बीच मतभेद दिखाती है.
टाटा संस की सालाना बैठक में एसपी ग्रूप के प्रमुख शापूरजी पलोनजी ने टाटा के नेतृत्व की जमकर सराहना की है. टाटा समूह की सभी कंपनियों की मुख्य प्रमोटर कंपनी टाटा संस में एसपी ग्रुप 18 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी रखता है. उनके दिवंगत बेटे साइरस मिस्री ने जब टाटा समूह का नेतृत्व छोड़ा था, तो दोनों समूहों के संबंधों में खटास आ गई थी. कई वर्षों में यह पहली बार है, जब शापूरजी पलोनजी ने टाटा समूह के नेतृत्व की सराहना की है. इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों के हित में बड़ी मांग रखते हुए कहा कि टाटा संस को अपना आईपीओ लाने पर विचार करना चाहिए.
हालांकि, टाटा संस की तरफ से लगातार आईपीओ से बचने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि कहीं पलोनजी की यह मांग दोनों समूहों के बीच मतभेद का नतीजा तो नहीं है. शापूरजी पलोनजी ने आईपीओ लाने की मांग करते हुए सोमवार को हुई आम सभा में कहा कि कंपनी को अपना विस्तार करने के लिए आईपीओ लाने से संकोच नहीं करना चाहिए. खासकर यह कदम तमाम निवेशकों के हित में है. सूत्रों के मुताबिक पलोनजी ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में टाटा संस का कर पूर्व लाभ 30,024 करोड़ रुपये से बढ़कर 39,813 करोड़ रुपये हो गया है.
टाटा संस के लिए और अधिक वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए आईपीओ का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि लिस्टिंग से टाटा संस को अगले 5 वर्षों में 90 अरब डॉलर का निवेश हासिल करने के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त पूंजी और पहुंच मिलेगी. टाटा संस को स्केल बेस्ड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क (एसबीआरएफ) के तहत सितंबर 2022 में एक अपर लेयर एनबीएफसी घोषित किया गया है. रिजर्व बैंक के एसबीआरएफ निर्देशों के मुताबिक टाटा संस को सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्ट करना होगा. हालांकि, टाटा संस की तरफ से लगातार लिस्टिंग से बचने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए कंपनी ने अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र स्वैच्छिक रूप से त्यागने के लिए आवेदन भी किया है.
एजीएम में शामिल सूत्रों के मुताबिक पलोनजी ने लिस्टिंग से बचने के लिए बोर्ड की तरफ से किए जा रहे प्रयासों का विरोध करते हुुए कहा कि लिस्टिंग से ट्रस्ट सहित सभी शेयरधारकों के लिए मूल्य और तरलता के नए अवसर खुलेंगे. इससे उन लाखों शेयरधारकों को लाभ होगा, जिन्होंने कंपनी में लंबे समय से निवेश कर रखा है. इस साल की शुरुआत में कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में बताया गया था कि अगर टाटा संस आईपीओ लाता है, तो इससे 55,000 करोड़ रुपये तक जुटा सकता है. बाजार विशेषज्ञों का भी मानना है कि टाटा संस का आईपीओ इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति के चलते देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हो सकता है. इसके अलावा इससे टाटा समूह की तमाम कंपनियों को भी मजबूती मिल सकती है.