साल 2024 में गुलजार रहा आईपीओ बाजार, Hyundai Motors के रिकॉर्ड और SME IPO ने बढ़ाई रौनक
साल 2024 भारतीय आईपीओ बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। रिकॉर्डतोड़ 1800 करोड़ रुपये जुटाए गए, जिसमें 317 से ज्यादा आईपीओ शामिल थे. निवेशकों का बढ़ता विश्वास और बाजार की स्थिरता इस सफलता के मुख्य आधार रहे.
साल 2024 में बाजार में आईपीओ की जमकर बारिश हुई है. जहां कई निवेशकों ने Waree Energies और Suzlon जैसे तमाम आईपीओ से अपनी तिजोरी भरी वहीं कुछ को Hyundai Motor IPO और Acme Solar IPO ने निवेशकों को कुछ निराश किया. मोतिलाल ओसवाल के एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मार्केट में ओपन हुए करीब 317 आईपीओ के साथ बाजार ने 180 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रिकॉर्डतोड़ कमाई की. साल 2021 में 130 लाख करोड़ रुपये जुटाये गए थे लेकिन साल 2024 ने इस आंकड़े को पछाड़ दिया है. इस उल्लेखनीय प्रदर्शन ने भारत को वैश्विक वित्तीय मंच पर एक मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया है.
SME IPO ने दिया अहम योगदान
इस साल IPO के जरिए जुटाई गई धनराशि ने इंडियन मार्केट कैपिटलाइजेशन में 2.9 फीसदी का योगदान दिया है. यह आंकड़ा साल 2023 के 1.4 फीसदी से दोगुना है. हालांकि, यह 2017 (3.7%) और 2021 (3.4%) के उच्च स्तर से अभी भी कम है. इसके बावजूद, यह बढ़त भारतीय बाजार में निवेशकों की रुचि और विश्वास को दर्शाती है.
CY24 में SME IPOs का योगदान अपेक्षाकृत कम रहा, जो कुल IPO गतिविधियों का केवल 5.3% था जबकि 2023 में यह 8.6% था. फिर भी, SMEs ने 2024 में 9200 करोड़ रुपये जुटाए जो पिछले साल के 4900 करोड़ रुपये से अधिक है. यह दिखाता है कि बड़े और मध्यम आकार के IPO के प्रभुत्व के बावजूद, SMEs ने विविधता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
यह भी पढ़ें: सरकार के इस फैसले से सोलर कंपनियों की बल्ले-बल्ले, सोमवार को इनके शेयरों पर रहेगी नजर
प्रमुख IPO और FPO
2024 में भारत का सबसे बड़ा IPO Hyundai Motor का रहा. इसने अक्टूबर में 27,860 बिलियन रुपये जुटाए. हुंडई के आईपीओ ने 2022 में LIC के 20,560 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. इसके अलावा, Vodafone Idea ने अप्रैल 2024 में 18,000 करोड़ रुपये जुटाकर भारत का सबसे बड़ा FPO पेश किया.
साल 2024 में ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, रिटेल, और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई. ऑटोमोबाइल क्षेत्र का योगदान 2023 के 4.1% से बढ़कर 20.2% हो गया. वहीं, हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा.